देहरादून। लगातार हो रही अत्यधिक वर्षा से तहसील सदर देहरादून के अंतर्गत फुलेत, छमरोली, सिमयारी, सिल्ला, क्यारी, सिरोना, सरौना और चामासारी सहित कई गांवों में भारी तबाही मची है।
भवन, गौशाला, पशुधन, कृषि भूमि, सिंचाई गूलों, विद्युत आपूर्ति और मोटर मार्गों को भारी नुकसान पहुंचा है।
डीएम पहुंचे आपदा प्रभावित गांव, पैदल किया स्थलीय निरीक्षण
जिलाधिकारी सविन बंसल ने हेलीकॉप्टर का विकल्प छोड़कर दुर्गम मार्गों से पैदल यात्रा कर आपदा प्रभावित गांवों का भ्रमण किया। उन्होंने सीधे आपदा पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उनका दुख दर्द जाना।
करीब 4 हजार की आबादी वाले इन क्षेत्रों में डीएम ने हर प्रभावित गांव की पगडंडियों और खेत-खलिहानों तक पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया।
आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत अधिकारियों की तैनाती
आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा 34 और 72 के तहत डीएम ने आदेश जारी करते हुए अधिकारियों को अग्रिम आदेश तक मौके पर ही तैनात किया है।
तहसीलदार, बीडीओ, ब्लॉक प्रभारी कृषि, एडीओ उद्यान, जेई लोनिवि, सिंचाई विभाग सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी अब क्षति आकलन और मुआवजा वितरण तक वहीं पर डटे रहेंगे।
डीएम ने साफ किया है कि राहत कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी, अन्यथा विधिक कार्यवाही की जाएगी।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और शिक्षा विभाग को दिए विशेष निर्देश
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पीएमजीएसवाई को आदेश दिया गया कि फुलेत क्षेत्र में मलबा हटाकर रास्ते तुरंत खोले जाएं और आज से ही कार्य शुरू हो।
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आपदा में मृतक और लापता मजदूरों का समुचित विवरण भी तत्काल प्रस्तुत करने को कहा गया है।
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लोनिवि अधिकारियों को भवन क्षति की टेक्निकल रिपोर्ट आज ही प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
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विद्यालयों से जुड़ी समस्याओं को लेकर मुख्य शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारी को क्षेत्र का दौरा कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर युद्धस्तर पर राहत कार्य
मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन सामान्य बनाने के लिए युद्धस्तर पर जुटा हुआ है।
डीएम ने स्पष्ट किया कि क्षति का सर्वेक्षण, मुआवजा वितरण और पुनर्वास की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जाएगी ताकि अंतिम व्यक्ति तक राहत पहुंच सके।
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