गोष्ठी का शुभारंभ एवं मुख्य विषय
गोष्ठी की शुरुआत राज्य आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुई। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवं पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष उमेश चरण गुसाईं व अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर गोष्ठी का शुभारंभ किया।
गोष्ठी में निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई:
✔ मूल निवास एवं भू-कानून
✔ परिसीमन एवं पलायन की समस्या
✔ रोजगार एवं नियुक्तियाँ
✔ जंगली जानवरों से सुरक्षा
✔ स्थायी राजधानी का सवाल
✔ 5वीं अनुसूची एवं अनुच्छेद 371
✔ आपदाओं से बचाव के उपाय
✔ जिला विकास प्राधिकरण को समाप्त करने की मांग
✔ टिहरी बांध में राज्य की हिस्सेदारी
वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति और प्राकृतिक विरासत को संजोते हुए सतत विकास की ओर बढ़ना समय की मांग है।
प्रमुख वक्ताओं के विचार
गोष्ठी में विधायक टिहरी किशोर उपाध्याय, विधायक प्रतापनगर विक्रम सिंह नेगी, दून डायलॉग के संयोजक अभिनव थापर, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सोशल एक्टिविस्ट बीना साजवान, वरिष्ठ पत्रकार त्रिभुवन चौहान, उत्तराखंड बेरोजगार संघ के संयोजक बॉबी पंवार, वरिष्ठ पत्रकार महिपाल नेगी, उत्तराखंड एकता मंच के संयोजक अनूप बिष्ट सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
सभी वक्ताओं ने उत्तराखंड में मजबूत भू-कानून लागू करने, स्वरोजगार को बढ़ावा देने और पलायन रोकने के लिए ठोस नीतियां बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उत्तराखंड के युवाओं के लिए जागरूकता की आवश्यकता
गोष्ठी में युवाओं को उत्तराखंड की पहचान और अधिकारों के प्रति जागरूक करने पर विशेष जोर दिया गया। वक्ताओं ने सरकार से मजबूत भू-कानून लागू करने, स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने और पलायन रोकने के लिए ठोस नीतियां बनाने की अपील की।
गोष्ठी का समापन एवं संकल्प
‘भू भूम्याल जागृति मंच’ के संयोजक देवेंद्र नौडियाल और सह-संयोजक अमित पंत ने सभी अतिथियों और सहभागियों का आभार व्यक्त किया। मंच के संरक्षक डॉ. राकेश भूषण गोदयाल ने समापन वक्तव्य दिया और कहा कि यह आयोजन सिर्फ एक चर्चा नहीं, बल्कि उत्तराखंड के सुनहरे भविष्य की नींव रखने की ओर एक सशक्त कदम है।
आने वाले समय में इस विमर्श को और व्यापक स्तर पर ले जाने का संकल्प लिया गया।
गोष्ठी में शामिल अन्य गणमान्य अतिथि
गोष्ठी में नागरिक मंच के अध्यक्ष सुंदरलाल उनियाल, नगर पालिका अध्यक्ष मोहन सिंह रावत, कमल सिंह महर, भगवान चंद्र रमोला, डॉ. जगजीत नेगी, राजेंद्र सिंह असवाल, अनुसूया प्रसाद नौटियाल, सभासद उर्मिला राणा, पूर्व प्रमुख रीता रावत, सभासद नवीन सेमवाल, सभासद शक्ति प्रसाद जोशी, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अंकित सजवान, प्रदीप सजवान, प्रदीप सकलानी, अतोल गुसाईं, रवीश उनियाल, उत्तम तोमर, चंडी प्रसाद डबराल, विवेक जोशी, कांति उनियाल, लखबीर चौहान, राजेंद्र बहुगुणा, मनीष पंत, हिमांशु रावत, कुंवर सिंह सजवान सहित कई नागरिकगण मौजूद रहे।
निष्कर्ष
‘उत्तराखंड के भविष्य पर मंथन’ गोष्ठी में प्रदेश की प्रमुख समस्याओं पर गहन चर्चा की गई और इनके समाधान के लिए ठोस रणनीतियां बनाने पर जोर दिया गया। यह गोष्ठी उत्तराखंड में नए जन-जागरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।