नैनीताल। (रिपोर्ट – कमल जगाती)
काठगोदाम से लालकुआं नैशनल हाईवे पर बेतरतीब बने कटों के कारण लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गंभीर रुख अपनाया है।
न्यायालय ने इस मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लेते हुए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की और नेशनल हाईवे अथॉरिटी (NHAI) को कड़ी फटकार लगाई।
कोर्ट ने कहा कि आदेश दिए जाने के बावजूद अब तक एनएच ने जमीन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
याचिकाकर्ता को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने NHAI द्वारा पेश की गई रिपोर्ट की प्रति शिकायतकर्ता को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही शिकायतकर्ता को रिपोर्ट का अध्ययन कर अपने सुझाव 21 नवंबर 2025 तक न्यायालय में प्रस्तुत करने को कहा गया है।
8 महीने में 14 मौतें, कई घायल – बेतरतीब कट सबसे बड़ा कारण
मामले के अनुसार, चोरगलिया निवासी सामाजिक कार्यकर्ता भुवन चंद्र पोखरिया और लालकुआं क्षेत्र के ग्रामीणों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर बताया था कि काठगोदाम से लालकुआं तक सड़क चौड़ीकरण के दौरान कई स्थानों – काठगोदाम, लालकुआं, गौरापडाव, तीनपानी – में कट बिना मानकों के और बेहद अव्यवस्थित तरीके से बनाए गए हैं।
इन्हीं कटों की वजह से पिछले 8 महीनों में 14 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों का इलाज अभी भी बाहरी अस्पतालों में चल रहा है।
पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिलाने की मांग
याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों के परिजनों और घायल व्यक्तियों को एनएच अथॉरिटी से मुआवजा दिलाया जाए।
हाईकोर्ट ने पूछे कड़े सवाल
न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा—
- हाईवे निर्माण निर्धारित मानकों के अनुसार क्यों नहीं किया गया?
- ऐसी क्या खामियां रहीं, जिनकी वजह से लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं?
- यदि हादसे बढ़ रहे हैं तो उनकी जांच क्यों नहीं कराई गई?
साथ ही, हाईकोर्ट ने ओवरस्पीडिंग रोकने के लिए स्पीड ब्रेकर लगाने और सुरक्षा उपाय बढ़ाने के निर्देश दिए।











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