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देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘हर घर जल’ के तहत संचालित जल जीवन मिशन उत्तराखंड में गंभीर संकट से जूझ रहा है। देवभूमि जल शक्ति कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन ने सरकार को खुली चेतावनी दी है कि यदि तीन कार्यदिवस के भीतर लंबित भुगतान नहीं हुआ, तो पूरे प्रदेश में मिशन से जुड़े सभी कार्य ठप कर दिए जाएंगे।
ठेकेदार बोले: “मुफ्त में काम करने वाली मशीन नहीं हैं हम”
हरिद्वार बायपास स्थित एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित अग्रवाल ने कहा,
“बिना भुगतान के दो-दो साल से काम कर रहे हैं। अब सब्र का बांध टूट चुका है। हमने मिशन के 80-95% कार्य पूरे कर दिए, लेकिन 2000 करोड़ रुपये का भुगतान अटका पड़ा है।”
उन्होंने सवाल किया,
“क्या सरकार चाहती है कि हम आत्महत्या करें? पेट्रोल, सीमेंट, लेबर, पाइप — कुछ भी खरीदने तक के पैसे नहीं हैं। सरकार हमें जानबूझकर दिवालिया बना रही है।”
जनता के गुस्से का शिकार बने ठेकेदार, अधिकारी चुप
ठेकेदारों ने बताया कि जल आपूर्ति बाधित होने और अधूरी सड़कों के चलते आमजन में भारी आक्रोश है। पर इस गुस्से का निशाना ठेकेदार बन रहे हैं, जबकि असली ज़िम्मेदारी उन अधिकारियों की है जिन्होंने भुगतान रोका है।
ज्ञापन सौंपकर दिया अल्टीमेटम: काम बंद करने की चेतावनी
एसोसिएशन ने जल जीवन मिशन के सचिव, मिशन डायरेक्टर, मुख्य अभियंता और CGM को ज्ञापन सौंपते हुए साफ चेतावनी दी कि:
“अगर तीन दिन में भुगतान नहीं हुआ तो कोई खुदाई नहीं होगी, कोई पाइप नहीं लगेगा और कोई नल नहीं जोड़े जाएंगे। जल संकट की जिम्मेदारी सरकार की होगी।”
मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग
अमित अग्रवाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस गंभीर मामले में सीधे हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने कहा कि
“अब और इंतज़ार नहीं करेंगे। अगर सरकार नहीं जागी तो जल जीवन मिशन का पहिया पूरी तरह से जाम कर दिया जाएगा।”
एकजुट हुए ठेकेदार, आंदोलन की दी चेतावनी
प्रेस वार्ता में सचिन मित्तल, सुनील गुप्ता, जितेंद्र मलिक, संजय मलिक, अजय रतूड़ी, ध्रुव जोशी, मानवेन्द्र जोशी, जगजीत सिंह, मुबारक अली और अंकित सलार सहित कई ठेकेदार मौजूद थे। सभी ने एक सुर में कहा:
“अब और चुप नहीं बैठेंगे। सरकार को जल्द निर्णय लेना होगा।”
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