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मामला भीमताल क्षेत्र के मलुवाताल स्थित कसैला तोक गांव का है। यहां की निवासी बीमार गंगा देवी को ग्रामीणों ने डोली में बैठाकर कई किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य मोटर मार्ग तक पहुंचाया। इस दौरान सबसे बड़ा खतरा तब सामने आया जब ग्रामीणों को भारी-भरकम डोली उठाकर उफनती गौला नदी पार करनी पड़ी।
जान पर खेलकर नदी पार करते दिखे ग्रामीण
तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि नदी पार करने के दौरान न केवल महिला की जान खतरे में थी बल्कि डोली उठाने वाले छह लोगों की जिंदगी भी दांव पर लग गई। तेज बहाव वाली नदी में पांव टिकाना बेहद मुश्किल था, लेकिन ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए किसी तरह महिला को सुरक्षित दूसरी ओर पहुंचाया।
ग्रामीणों ने बताया अपनी मजबूरी
गांव के लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में अचानक किसी की तबीयत बिगड़ने पर मरीज को मुख्य सड़क तक पहुंचाना बेहद कठिन हो जाता है। कई बार समय पर इलाज न मिलने के कारण गर्भवती महिलाओं या गंभीर बीमार मरीजों की जान तक चली जाती है।
पूर्व ग्राम प्रधान दयाकिशन बेलवाल और क्षेत्रीय नेता मनोज शर्मा ने बताया कि वर्षों से ग्रामीण सरकार से मोटर मार्ग बनाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा – “भटेलिया-अमदौ-दुदुली मोटर मार्ग” का निर्माण इस क्षेत्र के लिए जीवनदायिनी साबित हो सकता है।
शिक्षा और खेती पर भी पड़ रहा असर
स्थानीय लोगों का कहना है कि मोटर मार्ग न होने से न सिर्फ इलाज में दिक्कतें आती हैं बल्कि छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए दूर शहरों का सहारा लेना पड़ता है। वहीं, क्षेत्र की उपजाऊ जमीन पर किसानों द्वारा उगाए गए उत्पाद भी बाजार तक सही समय पर नहीं पहुंच पाते।
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