रिपोर्ट : कार्तिक उपाध्याय
आज भू कानून मूल निवास समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर पुनः एक बार आंदोलनरत उत्तराखंडी सड़क पर गरजेंगे।
दिसंबर 2023 में देहरादून में स्वाभिमान महारैली में उपस्थित हजारों उत्तराखंडियों ने अपने अधिकार को लेकर और भविष्य की चिंता के कारण अस्थाई राजधानी देहरादून की सड़कों को ही आंदोलन का खुला मैदान बना डाला था।
उसके बाद कुमाऊं के द्वार हल्द्वानी में हुई रैली में भी कुमाऊं गढ़वाल जौनसार के नागरिकों ने पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई एवं आवाज को बुलंद करने का काम किया।
इसके बाद से लगातार सत्ता में बैठी हुई भारतीय जनता पार्टी और विपक्ष की मुख्य पार्टी कांग्रेस विचलित होती नजर आई,यही नहीं सत्ताधारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने तो इस आंदोलन में शामिल युवाओं को माओवादी तक घोषित कर डाला था, इसके बाद भी युवा शांत नहीं हुए और उन्होंने महेंद्र भट्ट को खुली चुनौती दे डाली थी परंतु महेंद्र भट्ट उक्त तिथि पर उक्त स्थान में युवाओं के जवाब देने नहीं पहुंचे।
हालांकि राज्य के सभी क्षेत्रीय दल एकजुटता से आज भी इस मांग का समर्थन मजबूती से कर रहे हैं।
लगातार उत्तराखंड अपनी अस्मिता को खतरे में पा रहा है जिसको लेकर अब उत्तराखंडी जागने लगे हैं,उन्हें एहसास होने लगा है कि उनका यह पर्वतीय राज्य उनसे जल्द ही छीन जाने वाला है और जल्दी ही वह बाहरी राज्यों के मूल निवासियों के गुलाम बनने जा रहे हैं।
देहरादून हल्द्वानी के बाद भी दिल्ली में प्रवासी उत्तराखण्डियों,भिक्यासैन कोटद्वार आदि जगहों पर मूल निवास एवं भू कानून के लिए रैली का आयोजन किया जा चुका है।
अब ऐसे में आज श्रीनगर के रामलीला ग्राउंड में पुनः भारी संख्या में उत्तराखण्डियों के पहुंचने की उम्मीद है,आज प्रातः 10:30 बजे से मूल निवास भू कानून की मांग को लेकर उत्तराखंडी श्रीनगर पहुंचेंगे।
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