ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट की टीम इन दिनों बागेश्वर के दूरस्थ इलाकों में रिपोर्टिंग कर रही है,बागेश्वर जनपद के दूरस्थ क्षेत्र में लगातार सोराग गांव के ग्रामीणों का मुद्दा हमारे द्वारा कुछ दिन वही रुककर उठाया गया,इस संदर्भ में लगभग सभी अधिकारियों से बात की गई।
आपको बताते चलें कि सोराग गांव का एक पुल 2022 में बनकर तैयार हो जाना चाहिए था लेकिन आज तक नहीं हुआ,वहां लगातार पिंडर नदी पार करने में होने वाली परेशानियों के कारण ग्रामीण अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे,गर्भवती महिलाएं अस्पताल नहीं पहुंच पा रही है।
जब हमने इस मुद्दे पर रिपोर्टिंग शुरू की तो पता चला सोराग गांव का यह पुल कहीं ना कहीं अधिकारियों प्रतिनिधियों ठेकेदारों की असंवेदनशीलता की चोट से सेकी गई खिचड़ी बन गया है।
जिलाधिकारी बागेश्वर द्वारा पीएमजीएसवाई के ठेकेदार और पुल निर्माण करने वाली कंपनी वाप्कोस पी आई यू कपकोट के ठेकेदार एवं अधिकारी पर कार्रवाई हेतु सचिव देहरादून को पत्र लिखा है,अब उसके बाद वाप्कोस जो की पुल निर्माण करने वाली कंपनी है के द्वारा हमारी टीम को पत्राचार किए दो पत्र मिले हैं।
पहले 11 मार्च और दूसरा 22 मार्च को जिसमें उनके द्वारा अंकित किया गया है कि पीएमजीएसवाई के अधिकारियों के समक्ष आंदोलन कर रहे ग्रामीणों को लिखित आश्वासन दिया गया था कि 31 मार्च से पहले पुल पूरा बन जाएगा,लेकिन पुल बनाने के लिए वहां सामान पहुंचाने के लिए सड़क नहीं मिल पा रही,जिसका जवाब पीएमजीएसवाई अधिकारियों द्वारा नहीं दिया गया और ना ही अबतक रास्ता मिला हैं।
अब वाप्कोस के अधिकारियों एवं संबंधित ठेकेदार का कहना है कि जब पुल निर्माण करने का सामान जगह पर नहीं पहुंच पा रहा तो आखिर वह कैसे निर्माण पूरा करें?
सड़क निर्माण करने वाले पुल अबतक न बन पाने का कारण हैं।
आपको बताते चलें इन्हीं घाटियों में प्रत्येक 10 वर्ष में होने वाली अस्कोट अराकोट अभियान यात्रा भी अगले कुछ दिनों में यहां पहुंचने वाली है राज्य बने इतने वर्षों बाद भी आज उत्तराखंड के ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं,यह वाकई चिंताजनक है।
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