ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट रिपोर्ट : कार्तिक उपाध्याय
हल्दुचौड़,कल लालकुआं तहसील में ग्रामीणों व सामाजिक कार्यकर्ताओं के भारी आक्रोश व लालकुआं में लगातार आवारा पशुओं के कारण बढ़ रही मौतों पर अगली मौत होने पर लाश के साथ लालकुआं तहसील में धरने पर बैठने की चेतावनी के बाद प्रशासन एक्शन में आया लेकिन राजस्व विभाग की देर शाम हकीकत ग्रामीणों को पता चल गई।
आज दोपहर बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत करने के लिए लालकुआ राजस्व विभाग ने हल्द्वानी नगर निगम की टीम के साथ हाईवे से आवारा जानवरों को पकड़ना शुरू किया,लगभग 6 घंटे की मशक्कत के बाद 9 आवारा सांडों को ग्रामीणों के सहयोग से पकड़ा गया।
लेकिन बखेड़ा तब खड़ा हो उठा जब इन सभी पकड़े पशुओं को छोड़ने ग्रामीण गाड़ियों के साथ हल्दुचौड़ गौशाला पहुंचे लेकिन गौशाला के गेट पर ताला था,और गौशाला संचालक द्वारा कहा गया यहां व्यवस्था से अधिक गोवंश हैं इन्हें यहां नहीं रखा जा सकता और न ही इसके लिए उन्हें कहा गया हैं।
इसके बाद युवा भड़क उठे वहीं धरने पर बैठ गए प्रशासन के लोग पहले ही अपनी ड्यूटी खत्म कर जा चुके थे उन्होंने यह जरूरी भी नहीं समझा की पकड़े गए गोवंशो को ग्रामीणों के साथ सुरक्षित गैशाला में छोड़ने जाएं,इससे आज पता चला की जो प्रशासन द्वारा गोवंश पकड़े जा रहें हैं उनका क्या हाल हो रहा हैं।
जब ग्रामीणों ने अंधेरा होते होते तहसीलदार को फोन किया तो उन्होंने वार्ता करने की बात कही परंतु लंबी वार्ता के बाद भी जब कोई समाधान नहीं निकला तो ग्रामीण गोवंश की गाड़ी के सामने ही वहीं धरने पर बैठ गए।
ग्रामीणों का कहना था कि जब तक यह आश्वास्त नहीं किया जाता कि गोवंश को सुनियोजित स्थान में जगह मिलेगी तब तक वह धरने से नहीं उठेंगे अंत में पूरे गोवंश को तहसीलदार लालकुआं ने वार्ता कर राजपुरा गौशाला मे छुड़वाया,इस दौरान ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि अगर प्रशासन यह सोच रहा है कि आवारा पशु पड़कर इतिश्री कर ली जाएगी तो यह उनका भ्रम है अगर लगातार अभियान चलाकर इसका कोई स्थाई समाधान नहीं निकलता तो ग्रामीण लालकुआं की 1 लाख से अधिक जनता के साथ एक उग्र आंदोलन करेंगे जिसकी जिम्मेदारी तहसीलदार व स्थानीय प्रशासन की रहेगी।
इस दौरान समाजसेवी विनीत कबडाल,योगेश कपिल,कीर्ति पाठक,चंदन बिष्ट,दीपांशु कबड़ाल,तारु काबड़ाल आदि दर्जनों ग्रामीण मौके पर मौद रहे।
ग्रामीणों ने कहा….
दुर्भाग्य का विषय है कि हमारे क्षेत्र में गौशाला मौजूद है तहसीलदार ने पूर्व में कहा था की गंगापुर की गौशाला को कड़े शब्दों में निर्देश दिए गए हैं और जानवरों को वहीं रखा जाएगा पर जब ग्रामीण वहां पहुंचे तो गौशाला वालों ने गेट खोलने से ही इनकार कर दिया उनकी तैयारी थी कि उन्हें पुनः कहीं सड़क किनारे छोड़ दिया जाए,विरोध करने के बाद राजपुरा गौशाला ले जाने की बात हुई,हमने प्रशासन को एक सप्ताह के भीतर स्थाई समाधान निकालने की मोहलत दी थी अगर एक सप्ताह में कोई समाधान नहीं निकला तो पूरी लालकुआं विधानसभा के लोग जिला अधिकारी का घेराव करेंगे।
पियूष जोशी समाजसेवी
दिनभर ग्रामीणों ने जानवरों को पकड़ने में मदद की लेकिन प्रशासन चुपचाप इन्हें शाम को जंगलों में छोड़ने को तैयारी थी,इसका विरोध करने पर सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप हमपर प्रशासन लगाने लगा,प्रशासन का यह दोगुला चरित्र हैं अब आंदोलन उग्र और लंबा चलेगा।
विनीत कबडाल ग्रामीण
अब यह वाकई बड़ा सवाल हैं की आखिर प्रशासन क्या बिना तैयारी करें गोवंश पकड़ने के अभियान में लग गया था,यदि तासिलदार पटवारी द्वारा किसी गौशाला में इन जानवरों को रखने की बात नहीं हुई तो आखिर क्यों अभियान शुरू कर दिया गया,अब ऐसे में प्रशासन की कार्यशैली पर ग्रामीणों द्वारा सवाल खड़ा करना तो लाजमी हैं।
लेकिन प्रशासन की तरफ से अभियान में रहें पटवारी लक्ष्मीशरण यादव ने कहा ग्रामीणों के आरोप निराधार हैं,कुछ लोगों ने गाड़ी के आगे बैठकर सरकारी काम में बाधा डालने का काम किया कुछ ने सहयोग भी किया,प्रशासन द्वारा सुरक्षित गोवंशों को राजपुरा स्तिथ गौशाला पहुंचा दिया गया हैं।
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