ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
हल्द्वानी में लंबे समय से केंद्र सरकार की एक बड़ी योजना प्रस्तावित है,कुमाऊं के द्वार हल्द्वानी में बड़ते ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए सरकार ने शहर के बाहर से एक रिंग रोड बनाने का निर्णय लिया है,यह रिंग रोड बरेली रोड से होते हुए रामपुर रोड गाना सेंटर से लामाचौड़ निकलेगी वहीं दूसरी तरफ यह काठगोदाम से घूमेगी।
परंतु केंद्र सरकार की इस प्रस्तावित योजना पर ग्रहण लगने की पूरी संभावना है,प्रस्तावित रिंग रोड में कई किसानों की जमीन और उनके पूर्वजों द्वारा बनाए गए मकान आ रहे हैं जिसको लेकर अब किसान उग्र हो चुके है।
कल किसानों के खेतों में सर्वे करने पहुंची हल्द्वानी लोक निर्माण विभाग की टीम को किसानों द्वारा खेत में नहीं जाने दिया गया,जिसके बाद सर्वे करने आई टीम तो लौट गई लेकिन आज किसानों ने लोक निर्माण विभाग में अधिकारियों से मुलाकात को,इस दौरान 19 किसानों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए स्पष्ट कहा है कि जो रिंग रोड बन रही है उनमें उनके पूर्वजों की कृषि भूमि और मकान आ रहे हैं रिंग रोड के कारण वह कृषि हीन हो जाएंगे और कई लोगों के सर से छत चली जायेगी।
किसानों ने कहा कि उनके पूर्वजों द्वारा जोती गई जमीन पर सरकार का किसी भी तरीके से कोई अधिकार नहीं है,यदि सरकार को रिंग रोड बनानी है तो फुटकुवा के पास पड़ने वाले जंगलों में पेड़ों को काटकर रिंग रोड का निर्माण करें,यदि ऐसा नहीं होता है तो किसानों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दे डाली है,साथ ही लोक निर्माण विभाग की टीम से कहा है कि वह अपनी तरफ से सरकार को यह सूचना दे दें कि उनकी टीम को किसान किसी भी हाल में सर्वे नहीं करने दे रहे हैं।
राज्य में कई आंदोलन में प्रमुखता से प्रतिभाग करने वाले उत्तराखंड बेरोजगार संघ के कुमाऊं सहसंयोजक और उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट के ब्यूरो चीफ कार्तिक उपाध्याय की भी कृषि भूमि और उनके छोटे भाई की दुकान इस रिंग रोड में आ रही है,जिसको लेकर आज वह भी अन्य सभी प्रभावित किसानों के साथ लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से मिले और उन्होंने चेतावनी देते हुए यह कहा है कि रिंग रोड को किसानों के खेत से ना ले जाकर वन विभाग की भूमि से ले जाना चाहिए इसमें ही सरकार और किसानों का हित है,उन्होंने यह भी कहा कि जिस खेत में वह अपने भविष्य के लिए स्वरोजगार की तैयारी करने वाले थे परिसर बनाने वाले थे अब सरकार का कहना है कि वहां सड़क बनेगी इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता और रिंग रोड को खेत से किसी हाल में नहीं गुजरने दिया जाएगा,जरूरत पड़ती है तो अपने खेतों से लेकर मुख्यमंत्री के दरवाजे तक उग्र आंदोलन किया जाएगा,जिसके लिए जल्द समिति का गठन प्रभावित किसानों के साथ बैठकर किया जाएगा।
अब क्योंकि आज 19 किसानों ने अलग-अलग लिखित आपत्तियां लोक निर्माण विभाग को दी है,अब देखना होगा कि लोक निर्माण विभाग द्वारा आगे इस पर क्या किया जाता है और क्या उग्र आंदोलन की चेतावनी दे चुके किसानों के खेतों की सुरक्षा करते हुए रिंग रोड को अन्य जगह बनाने की योजना बनाई जाएगी।
आपत्ति दर्ज कराने वाले किसानों में प्रेमानंद उपाध्याय,जीवन चंद्र,जगदीश चंद्र उपाध्याय,होशियार सिंह,किशोर उपाध्याय,विपिन चंद्र जोशी,विपिन उपाध्याय,हरीश कापड़ी,चंद्रशेखर कापड़ी,नवीन चंद्र उपाध्याय,गोविंद सिंह रजवार,केदार दत्त कापड़ी,भुपाल दत्त कापड़ी,शामिल रहें।
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