उत्तराखंड से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आ रहा है जहां पर विकास विभाग में उन लोगों को कंप्यूटर ऑपरेटर का महत्वपूर्ण पद दिया गया है जिन्हें लैपटॉप चलाना तक नहीं आता है। इस पूरे मामले का खुलासा सीडीओ आकांक्षा कोंडे ने समीक्षा बैठक के दौरान किया है। बताते चले इतनी बड़ी लापरवाही उत्तराखंड के विकास में बाधा डाल सकती है जब अधिकारियों को कंप्यूटर चलाने का ज्ञान नहीं है तो यह उनके कार्य क्षमता और दक्षता को प्रभावित करता है विशेष रूप से विकास विभाग जो विभिन्न परियोजनाओं को मैनेज और मॉनिटर करने के लिए डिजिटल उपकरणों पर निर्भर रहता है ऐसे में टेक्नोलॉजी का उपयोग न कर पाने से परियोजनाओं की प्रगति धीमी हो सकती है।
haridwar computer operator news बता दें बीते बुधवार को हरिद्वार की मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंड़े राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएल) , मनरेगा पीएम आवास ग्रामीण, ग्रामोत्थान आदि परियोजना की समीक्षा बैठक ले रही थी जिसमें जिले के समस्त 6 ब्लॉकों के खंड विकास अधिकारियों को बुलाया गया था। इस दौरान बैठक में विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने पाया कि एनआरएलएम में आउटसोर्स से रखे गए कई कंप्यूटर ऑपरेटर ऐसे हैं जिन्हें ठीक से लैपटॉप तक चलाना नहीं आता है लेकिन उन्हें ब्लॉक मुख्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर बना रखा है जिनसे विकास कार्यों की योजना की डाटा एंट्री समय पर ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पा रही है।
haridwar CDO aakanksha konde इस मामले मे नाराज सीडीओ ने ऐसे बीडीओ की खूब क्लास लेते हुए कहा कि इन लोगों को कंप्यूटर ऑपरेटर के पद से हटाया जाए अथवा उन्हें पहले कंप्यूटर ऑपरेटर की ट्रेनिंग दी जाए। दरअसल सीडीओ ने परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करते हुए समय पर कार्य पूरा करने के निर्देश दिए ताकि लाभार्थियों तक इन योजनाओं का लाभ शीघ्रता से पहुंच सके। साथ ही सभी खंड विकास अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में चल रही योजनाओं की गहन समीक्षा करने और मासिक बैठक के माध्यम से रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए कहा की परियोजनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा धरातल पर उनके सकारात्मक प्रभाव पर बल दिया जाए। इस दौरान ग्रामोत्थान परियोजना और एनआरएलएम योजनाओं में लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संबंधित प्रयासों की जरूरत पर जोर दिया जाए। कहा की विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी।