कालसी में यमुना नदी पर अवैध खनन: पट्टाधारक का पट्टा निरस्त, प्रशासन ने दिखाई दृढ़ता
कालसी में यमुना नदी पर रिवर ड्रेजिंग के पट्टे में गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं। अवैध खनन में लिप्त माफिया और सफेदपोशों को नियमों की कोई परवाह नहीं है, लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए पट्टाधारक का खनन पट्टा निरस्त कर दिया है। यह कदम उस समय उठाया गया जब पट्टाधारक ने खुद को एक वरिष्ठ नेता का व्यक्तिगत सहायक (पीए) बताकर अधिकारियों पर दबाव डालने की कोशिश की।
कालसी के ग्राम ब्यासनहरी क्षेत्र में यमुना नदी पर खनन विभाग ने रिवर ड्रेजिंग का पट्टा आवंटित किया था। हालांकि, स्थानीय निवासियों ने लगातार अवैध खनन की शिकायत की। जिलाधिकारी के निर्देश पर राजस्व विभाग की टीम ने 31 जनवरी को खनन पट्टे की जांच की। जांच में पाया गया कि पट्टाधारक ने स्वीकृति से दोगुनी खनन सामग्री निकाली और भारी मशीनों का अवैध इस्तेमाल किया।
जांच टीम ने दो जेसीबी नुमा ट्रैक्टर, बुलडोजर, मोडिफाइड एक्सकैवेटर और दो पोकलैंड मशीनें जब्त कीं। उपजिलाधिकारी कालसी गौरी प्रभात ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पट्टाधारक कैलाश रिवर बेड मिनरल्स एलएलपी ने न केवल अनुमति से अलग मशीनों का इस्तेमाल किया, बल्कि बिना सीमांकन के भी खनन किया। यह कार्य हाई कोर्ट के आदेशों का सीधा उल्लंघन है।
रिपोर्ट में यह भी उजागर हुआ कि जिला खान अधिकारी ने बिना सीमांकन के ही खनन सामग्री के परिवहन के लिए रवन्ना पोर्टल खोल दिया था, जिससे उनकी भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। उपजिलाधिकारी ने जिलाधिकारी को खनन पट्टा निरस्त करने की सिफारिश की है।
दिलचस्प बात यह है कि जांच के दौरान पट्टाधारक ने खुद को एक वरिष्ठ नेता का पीए बताकर अधिकारियों को डराने की कोशिश की। हालांकि, प्रशासन ने इस धौंस को नजरअंदाज करते हुए कार्रवाई जारी रखी। उपजिलाधिकारी ने जांच रिपोर्ट और संस्तुति जिलाधिकारी देहरादून को भेज दी है।
इस मामले ने एक बार फिर अवैध खनन में शामिल तत्वों और उनके संरक्षकों की भूमिका को उजागर किया है। प्रशासन की इस कार्रवाई से स्पष्ट संदेश गया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे उनकी पहुंच कितनी भी ऊंची क्यों न हो।