उत्तराखंड क्रांति दल ने गढ़वाल की एकमात्र सरकारी डोईवाला शुगर मिल के अधिशासी निदेशक धीरेंद्र प्रताप सिंह द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु मुख्यमंत्री को सचिव के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि गन्ना क्षेत्र में उत्तराखंड गढ़वाल की एकमात्र सरकारी संस्थान डोईवाला शुगर मिल के अधिशासी निदेशक एनएच 74 घोटाले के आरोपी हैं। ऐसे में उनको शुगर मिल का चार्ज नहीं दिया जाना चाहिए था। मिल मे तैनाती के बाद उन पर मजदूरों का भुगतान रोकने, भाई भतीजावाद करने को लेकर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं।
यूकेडी उनके कार्यकाल की जांच और उनका ट्रांसफर करने की मांग करता हैं।
यूकेडी नेता शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि मिल के अधिशासी निदेशक धीरेंद्र कुमार द्वारा यूपी से सटे गन्ना केंद्रों से खराब गुणवत्ता की खरीद की गई। इसमें भारी मात्रा में कमीशन खोरी हुई है। उत्पादित की गई चीनी खराब गुणवत्ता की है, जिसको दुकानदार और ग्राहक भी नहीं खरीद रहे।
दिनेश प्रताप सिंह ने अपने तमाम रिश्तेदारों और करीबियों को मिल मे नौकरी दी है।
सेमवाल ने कहा कि उन्होंने अपने भांजे अक्षय सिंह को सुगर मिल मे सहायक अभियंता बनाया है। इन्होंने शुगर मिल में सीतापुर और हरदोई के तमाम लोगों को तैनात किया है। सीतापुर हरदोई के अजीत प्रताप सिंह को सुपरवाइजर, योगेंद्र मिश्रा को लैब असिस्टेंट, सिद्धार्थ दीक्षित को गन्ना अधीक्षक के पद पर तैनात किया गया है।
इसके अलावा फैजाबाद और अन्य जगहों से अनुज सिंह, अनुज पाल और अंकित सिंह आदि को विभिन्न पदों पर अवैध नियुक्ति दी गई है। साथ ही इनको अनुचित लाभ पहुंचाया जा रहा है।
उत्तराखंड पूरे देश में बेरोजगारी के आंकड़ों को लेकर शीर्ष स्थान पर है लेकिन उत्तराखंड बनने के बाद यहां पर रोजगार के लाभ यह अधिकारी उत्तर प्रदेश, सीतापुर हरदोई के अपने निजी रिश्तेदारों और करीबियों को पहुंचा रहे हैं।
उत्तराखंड क्रांति दल ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि तत्काल इनको पद से हटाकर इनके कार्यकाल की जांच की जाए।और तमाम नुकसान की इनसे रिकवरी की जाए।
अन्यथा उत्तराखंड क्रांति दल को मजबूर होकर गन्ना
किसानों के साथ मिलकर आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।