- उत्तराखंड क्रांति दल ने भर्ती घोटालों को लेकर जांच एजेंसियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
देहरादून: उत्तराखंड क्रांति दल के पदाधिकारियों ने पहले अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया से मिलकर भर्ती घोटालों पर लंबित मुकदमों के मामलों मे कार्यवाही कराने की मांग की और उसके बाद यूकेडी मुख्यालय में प्रेस वार्ता के माध्यम से जांच एजेंसियों पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए सीबीआई जांच की मांग की है।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा वर्ष 2018 में कई भर्ती घोटालों की एफ आई आर दर्ज कराई गई थी और कई मामलों में शिकायतें की गई थी लेकिन एसआईटी और एसटीएफ सहित भाजपा सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की। वन आरक्षी भर्ती घोटाले मे भी सरकार ने दोषियों को बचाने के लिए कोई पैरवी नही की और घोटालेबाज तथा शिकायत कर्ताओ ने आपस मे समझौता कर लिया। सेमवाल ने सरकार और आयोग से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है। तथा इन सभी मामलों को सीबीआई को देने की मांग दोहराई है।
यूकेडी के मुख्य प्रवक्ता अनुपम खत्री ने बताया कि वर्ष 2017-18 में टीजी2 में घोटालों की शिकायत को लेकर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा एफ आई आर दर्ज कराई गई थी लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इस घोटाले का कनेक्शन धामपुर के नकल माफियाओं से जुड़ा हुआ था, जिसमें कई राजनीतिक दल के नेता आदि शामिल थे।
भर्ती घोटालों को लेकर केंद्रीय मीडिया प्रभारी मोहित डिमरी ने बताया कि इसी तरह के मामले क्लेरीकल और एलटी की परीक्षाओं को लेकर भी सामने आए थे।
क्लैरीकल की परीक्षा में कोषागार में काम करने वाली एक आउटसोर्सिंग महिला कर्मचारी को सर्वाधिक नंबर प्राप्त हुए थे। इस प्रकरण में भी यही सामने आया था कि ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ की गई है, लेकिन एफ आई आर दर्ज होने के बाद भी उस मामले में 7 साल बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है।