You might also like
मुख्य बातें:
-
एक ही अनुभाग में दोबारा तैनाती नहीं मिलेगी
-
नई नीति तत्काल प्रभाव से लागू
-
31 जुलाई तक होंगे सभी वार्षिक स्थानांतरण
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने सचिवालय सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए स्थानांतरण को पारदर्शी, समयबद्ध और प्रभावी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। शासन ने “वार्षिक स्थानांतरण नीति-2025” को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। यह नीति स्थानांतरण नीति-2007 को निरस्त करते हुए लाई गई है।
नई नीति की खास बातें:
एक अनुभाग में केवल एक बार तैनाती
अब सचिवालय में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को पूरे सेवाकाल में एक ही अनुभाग में केवल एक बार और अधिकतम 5 वर्षों तक ही तैनात किया जा सकेगा।
संस्थागत स्मृति और विविध अनुभव
इस कदम का उद्देश्य सचिवालय में संस्थागत स्मृति बनाए रखना और कर्मचारियों को विभिन्न अनुभागों में कार्य का अनुभव देना है।
किस पर लागू होगी यह नीति?
यह नीति निम्नलिखित पदों पर लागू होगी:
-
संयुक्त सचिव से अनुभाग अधिकारी स्तर तक के अधिकारी
-
समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी
-
कंप्यूटर सहायक
. यह नीति निजी सचिव, लेखा संवर्ग, सुरक्षा कर्मियों और परिचारकों पर लागू नहीं होगी।
तैनाती की अधिकतम समय-सीमा:
श्रेणी | पदनाम | अधिकतम अवधि |
---|---|---|
क | संयुक्त सचिव से नीचे तक | 3 वर्ष |
ख | अनुभाग अधिकारी | 5 वर्ष |
ग | समीक्षा अधिकारी / सहायक समीक्षा अधिकारी | 5 वर्ष |
कंप्यूटर सहायक | 7 वर्ष |
स्थानांतरण समिति का गठन
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक स्थानांतरण समिति गठित की जाएगी। इसमें सचिवालय प्रशासन विभाग के सचिव और एक नामित अधिकारी भी शामिल रहेंगे।
अन्य प्रमुख दिशा-निर्देश:
-
एक अनुभाग में 5 साल पूरे होने के बाद दोबारा तैनाती नहीं होगी।
-
तैनाती पूरी करने वाले अधिकारियों में सबसे वरिष्ठ को पहले बदला जाएगा।
-
संदिग्ध सत्यनिष्ठा वाले कर्मचारियों को संवेदनशील अनुभागों में तैनात नहीं किया जाएगा।
-
स्थानांतरण आदेश मिलने के 3 दिन के भीतर कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य।
-
आदेश की अवहेलना करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई।
-
सिफारिश करवाने या रुकवाने पर सख्त कार्रवाई होगी।
स्थानांतरण की अंतिम तिथि: 31 जुलाई
सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी वार्षिक स्थानांतरण 31 जुलाई तक पूर्ण कर लिए जाएं, ताकि सचिवालय के कार्यों पर कोई असर न पड़े।
Discussion about this post