नई टिहरी। उत्तराखंड आंदोलन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले स्वर्गीय गंभीर सिंह कठैत को उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी के रूप में चिन्हित करने और शहीद का दर्जा प्रदान करने की मांग को लेकर राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी सक्रिय हो गई है। इसी क्रम में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल, सुभाष नौटियाल तथा उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र नौडियाल ने टिहरी जिलाधिकारी निकिता खंडेलवाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।
अधूरी है बौराड़ी स्टेडियम के नामकरण की घोषणा
शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि स्व. गंभीर सिंह कठैत ने उत्तराखंड राज्य की मांग को लेकर चले जनआंदोलन में सक्रिय भागीदारी की और संघर्ष के दौरान शहीद हुए। बावजूद इसके आज तक उन्हें आधिकारिक रूप से न आंदोलनकारी घोषित किया गया है और न ही शहीद का दर्जा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में नई टिहरी में आंदोलन के दौरान गंभीर सिंह कठैत शहीद हुए थे, लेकिन सरकार ने उनकी शहादत का सम्मान नहीं किया। यहां तक कि नई टिहरी स्थित बौराड़ी स्टेडियम का नामकरण उनके नाम पर करने की घोषणा भी अधूरी पड़ी हुई है।
जेल यातना झेल चुके थे कठैत
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि गंभीर सिंह कठैत को आंदोलन के दौरान 5 जनवरी 1994 और 28 मार्च 1994 को विभिन्न धाराओं में जेल भी जाना पड़ा। इसके बावजूद आज तक उनकी कुर्बानी को मान्यता नहीं दी गई है।
आंदोलनकारियों का बलिदान प्रेरणा स्रोत
उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र नौडियाल ने कहा कि कठैत का बलिदान पूरे उत्तराखंड के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। दुर्भाग्यवश, अब तक उन्हें आंदोलनकारी या शहीद का दर्जा नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि उनकी माता की ओर से उठाई गई मांगों—जैसे टिहरी में प्रतिमा की स्थापना—को भी शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए।
पार्टी की प्रतिबद्धता
सुभाष नौटियाल ने कहा कि राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी इस मुद्दे पर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। कठैत को आंदोलनकारी घोषित कर शहीद का दर्जा दिया जाए, ताकि उनके परिवार को पेंशन और अन्य सरकारी सुविधाएं मिल सकें।
नेताओं ने जिलाधिकारी से इस मामले पर शीघ्र संज्ञान लेने और गंभीर सिंह कठैत को शहीद का दर्जा देने की दिशा में आवश्यक आदेश जारी करने की मांग की।
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