उत्तरकाशी – 5 अगस्त को आई विनाशकारी आपदा के बाद धराली गांव के पुनर्वास की दिशा में जिला प्रशासन ने पहल तेज कर दी है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि गांव को सुरक्षित स्थान पर बसाने के लिए लंका क्षेत्र की वन भूमि पर विस्थापन योजना बनाई जा रही है। इसके लिए भारत सरकार से अनुमति प्राप्त करने और जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
150 लोग मलबे के बीच मंदिर में रह रहे
आपदा के बाद धराली गांव के करीब 150 ग्रामीण मलबे के बीच स्थित मंदिर में शरण लिए हुए हैं। प्रशासन के अनुसार, यहां रहना किसी बड़े खतरे से कम नहीं है। फिलहाल, बिजली और नेटवर्क कनेक्टिविटी पूरी तरह बाधित है, साथ ही यह क्षेत्र जिला मुख्यालय से भी कट चुका है।
सबसे बड़ी चुनौती – सड़क संपर्क बहाल करना
डीएम प्रशांत आर्य ने बताया कि इस समय सबसे बड़ी चुनौती रोड कनेक्टिविटी को बहाल करना है। सड़क जुड़ने के बाद ही राहत सामग्री और अन्य आवश्यक सेवाएं सुचारू रूप से पहुंचाई जा सकेंगी।
लंका में पुनर्वास की योजना
जिलाधिकारी ने कहा कि स्थानीय लोगों से बातचीत के बाद सहमति बनी है कि उन्हें लंका क्षेत्र में बसाया जाए, जहां पहले से ही उनका व्यवसाय जुड़ा हुआ है। लंका की वन भूमि पर पुनर्वास के लिए भारत सरकार की अनुमति और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी।
ग्रामीणों से सीधी बातचीत
धराली दौरे के दौरान डीएम प्रशांत आर्य ने प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और हालात पर चर्चा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि पुनर्वास और राहत कार्यों में तेजी लाई जाएगी ताकि ग्रामीण सुरक्षित और स्थिर जीवन जी सकें।
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