गदरपुर। उत्तराखंड में वन माफिया का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। गदरपुर के पीपल पड़ाव रेंज में तस्करों ने न केवल 14 हरे-भरे सागौन के पेड़ों को कुल्हाड़ियों से काटकर गिरा दिया, बल्कि कटे हुए ठूंठ पर चुनौती भरा संदेश लिख गए— “अभी तो ये ट्रेलर है।”
गोलियों की गूंज के बीच फरार हुए आरोपी
आरओ पूरन चंद्र जोशी के मुताबिक, बुधवार रात जैसे ही जंगल में पेड़ों के गिरने की आवाज सुनाई दी, वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। लेकिन विभागीय कर्मियों को देखते ही आरोपी हवाई फायरिंग करते हुए अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। यह वारदात विभागीय कार्यालय से महज 1.5 किलोमीटर दूरी पर हुई, जो माफियाओं के बढ़ते हौसले का साफ सबूत है।
बीट वॉचर को सीधी धमकी
कटे ठूंठ पर माफियाओं ने बीट वॉचर अनिल का नाम लिखते हुए धमकी दी— “अनिल भाई, अगली बार पचास।” यह संदेश न केवल तस्करों की संगठित गतिविधियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वे अब खुलेआम वन विभाग के कर्मचारियों को धमकाने से भी नहीं हिचकिचा रहे।
वन विभाग के लिए खुली चुनौती
आरओ जोशी ने माना कि हाल के दिनों में लगातार की गई कार्रवाई से माफिया नाराज हैं और यही वजह है कि उन्होंने इस तरह की घटना को अंजाम दिया। फिलहाल तीन नामजद और 15 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ गदरपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
घटनाओं का लंबा सिलसिला
पीपल पड़ाव रेंज में अवैध लकड़ी तस्करी कोई नई बात नहीं है। पिछले एक साल में यहां कई बड़ी घटनाएं सामने आईं—
- 7 सितंबर 2024: 10 सागौन के लट्टे बरामद।
- 10 सितंबर 2024: 49 खैर के गिल्टे जब्त।
- 16 मई 2025: हरिपुरा जलाशय से शीशम व सागौन के गिल्टे बरामद।
- 24 मई 2025: हरिपुरा के पास खैर के 70 गिल्टे पकड़े गए।
- 29 मई 2025: नाव से लाई जा रही खैर की लकड़ी के 15 गिल्टे जब्त।
सवालों के घेरे में वन विभाग
लगातार हो रही तस्करी और अब सीधे दी गई धमकी ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या विभाग बढ़ते वन माफियाओं के आतंक को काबू कर पाएगा, यह बड़ा सवाल बन गया है।
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