ब्रेकिंग न्यूज:-मौसम विभाग के रेड अलर्ट के बीच वर्षा ऋतु में चुनाव कराना मतदाताओं और प्रत्याशियों की जान जोखिम में डालना है,किसान नेता न्यायालय जाने की तैयारी में
ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर एक बार फिर संकट आ सकता हैं क्योंकि उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में हुई बारिश से कई नदियां उफान में हैं और पहाड़ों पर कई रास्तों में मलवा आने की खबरें आ रही हैं,और राज्य में इसी दौरान मानसून के माह में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भी प्रस्तावित हैं
किसान पुत्र कार्तिक उपाध्याय (प्रदेश अध्यक्ष – किसान मंच, संस्थापक – किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति) ने जानकारी दी कि उन्होंने आज इस संदर्भ में अधिवक्ताओं से राय लेकर जनहित याचिका दाखिल करने की तैयारी कर ली है।
उत्तराखंड में जब मौसम विभाग रेड अलर्ट जारी कर रहा है, तब भारी वर्षा, भूस्खलन और नदियों के उफान के बीच पंचायत चुनाव कराना निर्वाचन आयोग की न सिर्फ गंभीर लापरवाही है,बल्कि सीधे-सीधे मतदाताओं और प्रत्याशियों की जान को जोखिम में डालना है।
किसान नेता कार्तिक उपाध्याय का कहना है कि ऐसे हालात में चुनाव कराना संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और सुरक्षा के अधिकार) का स्पष्ट उल्लंघन है l “अगर कोई ग्रामीण, मतदाता या प्रत्याशी मौसम जनित आपदा में घायल होता है या उसकी मृत्यु होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों और जिलाधिकारीगण की होगी।”
अधिवक्ताओं से विधिक सलाह के बाद अब यह मामला सोमवार या मंगलवार को उच्च न्यायालय, नैनीताल में जनहित याचिका (PIL) के रूप में दायर किया जाएगा।
याचिका में यह भी मांग की जाएगी कि चुनाव कार्यक्रम को तत्काल स्थगित कर नए सिरे से सुरक्षित माहौल में तिथि तय की जाए।
यह खबर प्रदेश भर के ग्रामीण इलाकों और पंचायतों में चर्चा का विषय बन गई है।
क्या जन सुरक्षा से बड़ा कोई लोकतांत्रिक आयोजन हो सकता है? यही सवाल लेकर याचिकाकर्ता किसान नेता अदालत की चौखट पर पहुँचने वाले हैं।
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