चारधाम यात्रा 2025: स्वास्थ्य संबंधी लापरवाही क्यों बन रही है जानलेवा? विशेषज्ञों की चेतावनी
हर साल लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड के पवित्र चारधाम (Char Dham Yatra Uttarakhand) की कठिन यात्रा पर निकलते हैं। इस बार यात्रा शुरू हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं, लेकिन अब तक 37 से अधिक यात्रियों की मौत हो चुकी है। जानिए क्यों चारधाम यात्रा में इतनी ज्यादा मौतें हो रही हैं और कैसे बचा जा सकता है इस जोखिम से।
हाइट एल्टीट्यूड और लो ऑक्सीजन लेवल: मुख्य कारण
चारधाम यात्रा के प्रमुख धाम – केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री – सभी समुद्र तल से 3,000 मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर स्थित हैं। जैसे:
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केदारनाथ धाम – 3,584 मीटर
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बदरीनाथ धाम – 3,133 मीटर
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गंगोत्री धाम – 3,415 मीटर
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यमुनोत्री धाम – 3,291 मीटर
इस ऊंचाई पर ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है, जिससे High Altitude Sickness, Breathing Problem और Heart Attack का खतरा बढ़ जाता है, खासकर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए।
हेल्थ चेकअप के बिना यात्रा करना हो सकता है जानलेवा
“जो लोग पहले से ही हृदय रोग, डायबिटीज या सांस की बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें बिना तैयारी चारधाम यात्रा नहीं करनी चाहिए।”
— डॉ. के.के. त्रिपाठी (Physician)
डॉक्टरों की सलाह है कि चारधाम यात्रा से पहले पूरा Medical Checkup, विशेषकर ECG, BP, Sugar Test अवश्य कराना चाहिए। साथ ही, यदि किसी को chest pain, excessive fatigue या shortness of breath की समस्या है, तो उन्हें ये यात्रा टालनी चाहिए।
क्यों होती हैं केदारनाथ और यमुनोत्री में सबसे अधिक मौतें?
केदारनाथ यात्रा में 18 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है, जबकि यमुनोत्री में भी लंबा ट्रेक है। इन दोनों जगहों पर शारीरिक सहनशक्ति (Stamina) की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। अधिकतर बुजुर्ग या बीमार लोग इस चुनौती को हल्के में ले लेते हैं, जिससे उनकी हालत बिगड़ जाती है।
लापरवाही बन रही है बड़ी वजह
चारधाम यात्रा पर जाने से पहले यदि लोग कुछ साधारण बातों का ध्यान रखें, तो मौत की घटनाओं में भारी कमी आ सकती है:
जरूरी सावधानियां (Precautions for Char Dham Yatra):
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प्री-यात्रा एक्सरसाइज शुरू करें – सीढ़ी चढ़ने और चलने की आदत डालें।
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Slow and Steady चलें – शरीर को ऊंचाई के वातावरण में ढलने का समय दें।
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Proper Rest लें – नींद पूरी लें और थकान महसूस होते ही रुकें।
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Avoid Overpacking – अधिक वजन लेकर न चलें।
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Keep essential medicines & dry fruits – लगातार एनर्जी मिलती रहे।
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Stay hydrated – खूब पानी पिएं।
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Avoid Overexertion – खासकर बुजुर्गों को।
पर्वतारोही की राय: चारधाम यात्रा कोई सामान्य ट्रिप नहीं
प्रसिद्ध पर्वतारोही शीतल राज का कहना है कि “हम पर्वतारोही भी महीनों तैयारी करते हैं, तभी 3,000 मीटर से ऊपर की चढ़ाई करते हैं। आम लोगों को तो और ज्यादा तैयारी की जरूरत होती है।”
हेमकुंड साहिब में क्यों नहीं होती मौतें?
हेमकुंड साहिब, जो 4,329 मीटर की ऊंचाई पर है, वहां की यात्रा करने वाले श्रद्धालु अधिक Fit and Prepared होते हैं। वहां जाने से पहले अधिकतर यात्री fitness training लेते हैं, जबकि चारधाम यात्रा में ऐसे नियम या आदत नहीं बनी है।
चारधाम यात्रा 2025 के आंकड़े (Latest Statistics)
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यात्रा प्रारंभ: 28 अप्रैल 2025
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अब तक की मौतें: 37 (केवल स्वास्थ्य कारणों से)
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सबसे ज्यादा मौतें: केदारनाथ (18)
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कुल दर्शनार्थी अब तक:
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केदारनाथ: 5,51,026
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बदरीनाथ: 3,78,095
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यमुनोत्री: 2,54,747
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गंगोत्री: 2,41,610
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Registration और Planning क्यों जरूरी?
सरकार ने यात्रा के लिए Mandatory Registration की व्यवस्था की है – जो Online और Offline दोनों माध्यमों से संभव है। साथ ही, यात्रा से पहले Hotel Booking, Travel Planning और Medical Preparedness बेहद जरूरी है।
निष्कर्ष (Conclusion)
चारधाम यात्रा एक Spiritual Adventure है, लेकिन इसे केवल आस्था नहीं, बल्कि समझदारी और तैयारी से ही पूरी किया जा सकता है। यदि समय रहते सतर्कता बरती जाए, तो इन पवित्र स्थलों की यात्रा सुरक्षित और सुखद अनुभव बन सकती है।
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