उत्तराखंड में यदि किसी नेता का घर आपदा में टूट जाता तो उसे हर तरफ से पूरी मदद मिलती , ऐसे कई नेता है जो जम कर हर विभाग को अपने फायदे के लिए यूज करता है वहीं जब आपदा में किसी गरीब का घर टूटता है तो उसे घर बनाने के लिए , तो क्या गरीब जिसका कोई नहीं है जिसकी उम्र 65 साल की उसका मकान आपदा में टूटता है और उसे मकान बनाने के लिए सरकार से 7 हजार मिलते हैं जबकि गुड्डी देवी मात्र वृद्धा अवस्था पेन्सन मिलती है
ऐसे में प्रधानमंत्री आवास योजना का दिल मे ख्याल आता है आखिर इस योजना से तत्काल गरीब को मदद नही जा सकती थी लगता है ये योजना भी गरीब तक सीधे नही पहुच सकती।
ये घटना विगत वर्ष 21 मई के आसपास ग्राम भेगलाषी (ग्राम सभा कांडा मल्ला) तहसील सतपुली,विधानसभा चौबट्टाखाल जनपद पौड़ी गढ़वाल की है जहाँ पर भारी बारिश से गुड्डी देवी का दो मंजिला घर टूटू गया था प्रशासन ने उनको 7 हजार रुपये थमा दिए मकान बनाने के लिए तो क्या 7 हजार में मकान बन जाता है या गरीब की कीमत सरकार ने सात हजार आंक रखी है।
गुड़ी देवी की उम्र 65 साल की है अकेले रहती है माता पिता की मौत हो चुकी है इनकम के तौर पर वृद्धा अवस्था पेंशन है कमाई का अन्य कोई जरिया नही है जब गुड्डी देवी का घर टूटा तो उसने कर्जे लेकर एक कमरा किसी तरह अपने लिये बना दिया गुड्डी देवी ने सोचा कि सरकार की तरफ से उसे शायद आवास में पैसे मिलेंगे तो वो लोगो से लिया पैसा वापस लौटा देगी लेकिन सरकार की तरफ से गुड्डी देवी के घर की कीमत 7 सात हजार आंकी गई और गुड्डी देवी को मात्र सात हजार में चुप करा दिया गया , तो क्या गुड्डी देवी या किसी गरीब आपदा में घर गवाने पर तत्काल प्रधानमंत्री आवास योजना नही मिल सकती थी या फिर ये योजना भी खास लोगो के लिए ही है