ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बनें अस्पतालों को देखने वाला कोई नहीं हैं,यहां क्या ही मरीजों को इलाज मिलेगा जनपद नैनीताल में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत जब एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो उसके बाद नैनीताल जनपद के स्वास्थ्य विभाग ने बैठे नीचे से ऊपर तक के अधिकारियों को कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगें हैं,क्या कोई छात्र महीने भर स्कूल से गायब रहें और प्रिंसिपल को पता न हो ऐसा कैसे हो सकता हैं,और यदि ऐसा होता हैं तो प्रिंसिपल और शिक्षक अपनी भूमिका निभा ठीक तरीके से नहीं रहें,यही स्वास्थ्य विभाग जनपद नैनीताल के अधिकारियों पर भी लागू होता हैं।
आज कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने हल्द्वानी से हैड़ाखान धाम तक मोटर मार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया,इस दौरान सड़क मार्ग से जुड़े ग्रामीण इलाकों में जल जीवन मिशन के तहत पेयजल निर्माण कार्यों का जायजा भी लिया। कुमाऊं कमिश्नर ने जल जीवन मिशन के तहत अगले महीने तक ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति सुचारू करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा ओखलढूंगा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में औचक निरीक्षण करते हुए कुमाऊं कमिश्नर ने अस्पताल का निरीक्षण किया,इस दौरान पाया गया कि डॉक्टर महीने में दो दिन आकर पूरे महीने गायब रहा और डॉक्टर की उपस्थिति वार्ड बॉय द्वारा लगाई गई जा रही थी,जिसका तत्काल संज्ञान लेते हुए कुमाऊं कमिश्नर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को अपने कार्यालय में तलब किया है।
अब बड़ा सवाल यह हैं की आखिर पहाड़ पर कैसे नागरिकों को अच्छा इलाज मिलें जहां डाक्टर ही महीने भर गायब रहें कैसे संविधान द्वारा नागरिकों को दिया मौलिक अधिकार सुरक्षित हो जब पूरा स्वास्थ्य विभाग ही लापरवाह बना हो।
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