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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में लिए गए अहम फैसले
उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में संपन्न इस बैठक में कुल 25 प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिनमें से अधिकांश को स्वीकृति दे दी गई। फैसले कृषि, आपदा प्रबंधन, शिक्षा, औद्योगिक नीति, शहरी विकास, विज्ञान, और संस्कृति से जुड़े हुए हैं।
कृषि क्षेत्र को मिली नई दिशा
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मिलेट कृषि नीति को मंजूरी: महिला समूहों को 300 रुपये प्रति कुंतल की दर से भुगतान।
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कीवी और ड्रैगन फ्रूट नीति लागू:
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ड्रैगन फ्रूट की खेती पर प्रति एकड़ लागत ₹8 लाख, 80% तक सब्सिडी।
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2030-31 तक कीवी उत्पादन 3300 हेक्टेयर क्षेत्र में फैलेगा, लक्ष्य 33,000 मीट्रिक टन।
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सूक्ष्म खाद्य उद्यम योजना: सॉर्टिंग, ग्रेडिंग और स्टोरेज यूनिट पर 50-60% सब्सिडी।
आपदा प्रबंधन को मिला सशक्त आधार
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जिलाधिकारियों को ₹1 करोड़ और मंडलायुक्तों को ₹5 करोड़ खर्च की अनुमति।
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देहरादून में रिस्पना नदी किनारा बाढ़ संभावित क्षेत्र घोषित।
महिला नीति और पंचायत अधिनियम पर अध्यादेश की तैयारी
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महिला नीति और पंचायत एक्ट में संशोधन से जुड़े प्रस्ताव बैठक में नहीं लाए गए, लेकिन जल्द लाने की संभावना।
औद्योगिक और शहरी विकास को बढ़ावा
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ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट को मिली जमीन: ऊधमसिंह नगर में 11 हेक्टेयर भूमि एयरपोर्ट अथॉरिटी को मुफ्त में दी जाएगी।
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सिरौली कलां गांव बनेगा नगर पालिका।
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उत्तराखंड आवास विकास परिषद में पदों की संख्या 19 से बढ़ाकर 30।
शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में बड़े फैसले
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कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों को मुफ्त नोटबुक।
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सीवर सफाई के दौरान दिव्यांग या मृत कर्मियों के बच्चों को छात्रवृत्ति।
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आईटीआई डिप्लोमा धारक भी अब जेई पदों के लिए पात्र।
संस्कृति और विज्ञान को बढ़ावा
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हर जिले में एक संस्कृत ग्राम की स्थापना: प्रशिक्षक को ₹20,000 मासिक मानदेय।
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उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में यूजीसी अधिनियम लागू।
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यूएसईआरसी का यूकोस्ट में विलय, नाम यूकोस्ट ही रहेगा।
अन्य महत्वपूर्ण फैसले संक्षेप में
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मेगा औद्योगिक नीति को जून 2025 तक बढ़ाया गया।
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नलकूप विभाग में जेई बनने के लिए अब सिर्फ आईटीआई डिप्लोमा पर्याप्त।
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प्राइवेट सुरक्षा एजेंसियों के नाम में ‘प्राइवेट’ शब्द जरूरी नहीं (यदि मंत्रालय से स्वीकृत)।
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शादी और तलाक के मामलों में सब-रजिस्ट्रार होंगे अधिकृत अधिकारी।
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पैक्स कर्मचारियों के लिए नई सेवा नियमावली लागू।
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लेखा विभाग के सभी कर्मचारी लेखा एवं हकदारी अधिनियम के अधीन होंगे।