हल्द्वानी – महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग से जुड़ी एक योजना में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने वार्ड नंबर-4 में स्थित एक आंगनबाड़ी केंद्र की मुख्य कार्यकर्ती कमलेश को 2,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
शिकायतकर्ता ने टोल फ्री नंबर 1064 पर सूचना दी थी कि उसकी बहन, जो राजकीय कन्या इंटर कॉलेज, सितारगंज से इंटरमीडिएट पास कर चुकी है, उसने “नंदा गौरा योजना” के तहत मिलने वाली 40 हजार रुपये की सहायता राशि के लिए आवेदन किया था। आरोप था कि फॉर्म पर हस्ताक्षर के एवज में स्कूल की प्रधानाचार्या 10 हजार रुपये और आंगनबाड़ी कार्यकर्ती 10 रुपये की बजाय 2,000 रुपये की मांग कर रही थी।
जांच के दौरान सामने आया कि लाभार्थी को योजना की पूरी राशि 28 मार्च 2025 को पहले ही खाते में ट्रांसफर की जा चुकी थी। इसके बावजूद आंगनबाड़ी कार्यकर्ती कमलेश रिश्वत की मांग कर रही थी। उसने धमकी भी दी कि यदि मांगी गई रकम नहीं दी गई तो न सिर्फ भविष्य की योजनाओं से वंचित कर दिया जाएगा बल्कि अब तक मिली राशि को भी रद्द करवा दिया जाएगा।
शिकायत सही पाए जाने पर पुलिस उपाधीक्षक श्री अनिल सिंह मनराल के नेतृत्व में एक विशेष ट्रैप टीम बनाई गई। सोमवार को टीम ने योजनाबद्ध तरीके से कमलेश को शिकायतकर्ता से रिश्वत लेते हुए उसके घर के बाहर गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक डॉ. वी. मुरूगेशन ने सफल ट्रैप अभियान के लिए टीम को नकद इनाम देने की घोषणा की है। उन्होंने जनता से आह्वान किया है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध बेझिझक आवाज उठाएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी टोल फ्री नंबर 1064 या व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर दें।