देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सव जेनिथ फेस्ट 2025 के दूसरे दिन देशभक्ति, उत्तराखंडी लोक संगीत और आधुनिक रंगों से सजा मंच दर्शकों के लिए अविस्मरणीय अनुभव बन गया। इस भव्य आयोजन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित प्रदेश के कई गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही।
मुख्यमंत्री ने सराहा छात्रों का उत्साह
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत, विधायक विनोद चमोली, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डाॅ.) कुमुद सकलानी व अन्य विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर किया।
मुख्यमंत्री ने देशभक्ति गीतों की सराहना करते हुए कहा, “उत्तराखंड वीरों की भूमि है, और यहाँ के युवाओं में देशभक्ति की भावना गर्व का विषय है।“
उन्होंने श्री महंत देवेंद्र दास जी महाराज के कुशल मार्गदर्शन की भी सराहना की और कहा कि एसजीआरआर ग्रुप शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है।
‘पांडवाज बैंड’ ने जगाई उत्तराखंडी लोक संस्कृति की लौ
दर्शकों को सबसे ज्यादा आकर्षित किया उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक बैंड ‘पांडवाज’ की प्रस्तुतियों ने। बैंड ने ‘बेडू पाको बारामासा’ से शुरुआत कर ‘केदारनाथ चला फुलारी’, ‘तिलै धारू बोला’, ‘रंचणा’ जैसे लोकप्रिय गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
ढोल-दमाऊं की थाप और हिमालयी लोकधुनों ने ऐसा समां बांधा कि मानो देवी-देवता स्वयं आयोजन स्थल पर अवतरित हो गए हों। दर्शकों ने फ्लैशलाइट्स जलाकर पूरे जोश के साथ साथ सुर मिलाए।
पंजाबी गायक मनवीर सिंह ने लूट ली महफिल
दूसरे सत्र में लोकप्रिय पंजाबी गायक मनवीर सिंह की शानदार लाइव प्रस्तुति ने युवाओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।
उन्होंने ‘रांझणा’, ‘मेरी रानी’, ‘शक्कर पारे’, ‘तेरी वाइब’, ‘नेचुरल ब्यूटी’, ‘कॉफी वालियां’ जैसे गीतों से युवाओं की धड़कनें तेज कर दीं।
भावनात्मक गीत ‘सुबह-शाम’, ‘सिंगल मैसेज’ और ‘प्यार वाली फील’ ने माहौल को और भी रोमांचक बना दिया।
छात्रों में दिखा सोशल मीडिया का क्रेज
कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने रील्स बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किए। साथ ही, आयोजन स्थल पर लगाए गए फूड स्टॉल्स पर देसी और विदेशी व्यंजनों का खूब लुत्फ उठाया गया।
कुलपति का संदेश
कुलपति प्रो. (डाॅ.) कुमुद सकलानी ने कहा, “जेनिथ फेस्ट केवल सांस्कृतिक उत्सव नहीं, बल्कि छात्रों के लिए अपनी रचनात्मकता और नेतृत्व क्षमता दिखाने का एक सशक्त मंच है।”
निष्कर्ष:
जेनिथ फेस्ट 2025 का दूसरा दिन देशभक्ति, लोकसंस्कृति और युवा जोश का अद्भुत संगम बनकर सामने आया, जिसने विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक पहचान को और सशक्त किया।