देहरादून: हरिद्वार के एक निजी अस्पताल द्वारा आयुष्मान योजना के लाभार्थी से अवैध रूप से पैसा वसूलने के मामले में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने तत्काल संज्ञान लिया है। अस्पताल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। यदि आरोप सत्य पाए गए, तो अस्पताल को योजना से डीलिस्ट किया जा सकता है।
मामला क्या है?
हरिद्वार निवासी माधौराम त्यागी ने राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करवाई कि विनय हॉस्पिटल हेल्थकेयर प्रा.लि. (रुड़की, हरिद्वार) में इलाज के एवज में उनसे अनधिकृत रूप से धनराशि ली गई है।
क्या कहता है प्राधिकरण?
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रीना जोशी ने इस संबंध में स्पष्ट कहा कि:
“आयुष्मान योजना में लाभार्थियों से पैसे वसूलना कानूनन अपराध है। यदि किसी भी अस्पताल पर यह आरोप सिद्ध होता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि प्राधिकरण की टीमें नियमित औचक निरीक्षण कर रही हैं, ताकि लाभार्थियों के अधिकारों की सुरक्षा की जा सके।
पहले ही जारी हो चुका है चेतावनी आदेश
कुछ दिन पहले ही राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने सभी सूचीबद्ध अस्पतालों को यह स्पष्ट चेतावनी दी थी कि अगर किसी भी योजना—
-
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना,
-
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना,
-
राज्य सरकार उत्तराखंड योजना
— के अंतर्गत लाभार्थियों से इलाज के नाम पर धन वसूली की जाती है, तो अस्पताल के खिलाफ सीधी कार्रवाई की जाएगी।
कहां करें शिकायत?
यदि कोई अस्पताल या क्लीनिक आपसे आयुष्मान योजना के तहत इलाज के लिए पैसे मांगता है, तो आप इसकी शिकायत राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के टोल फ्री नंबर पर दर्ज कर सकते हैं।
लाभार्थियों को सजग रहने की जरूरत है।
Discussion about this post