पीड़िता का आरोप है कि क्षेत्र निवासी फरदीन नामक युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया था, जिसके बाद आरोपी जेल गया, लेकिन फिलहाल जमानत पर बाहर है। पीड़िता के अनुसार, फरदीन उसे लगातार रास्ते में रोककर जान से मारने की धमकी दे रहा है और केस वापस लेने का दबाव बना रहा है।
थाने में मिली अपमानजनक बर्ताव:
पीड़िता ने बताया कि जब वह 20 मई को अपनी शिकायत लेकर थाने पहुंची, तो पुलिस ने केस दर्ज करने का आश्वासन तो दिया, लेकिन कार्रवाई नहीं की। इसके बाद 2 जून को उसे थाने से एक सिपाही का कॉल आया और वह मां के साथ दोबारा थाने पहुंची। वहां उसने देखा कि एक सिपाही चाय की दुकान पर आरोपी के पिता के साथ बैठा हुआ था। उसी दौरान सिपाही ने उसे राजीनामे का दबाव डाला।
थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के बजाय पुलिस ने पीड़िता को पीछे बने बंदीगृह में कई घंटों तक बैठाए रखा। इस घटना ने पुलिस की संवेदनशीलता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुआ मुकदमा:
बनभूलपुरा थाना प्रभारी सुशील जोशी ने पुष्टि की कि न्यायालय के आदेश के बाद आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला न केवल पुलिस की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे एक पीड़िता को न्याय के लिए न्यायालय की शरण में जाना पड़ता है, जब थाना स्तर पर उसे अपमान और अनदेखी झेलनी पड़ती है।
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