गैरसैंण। उत्तराखंड की स्थायी राजधानी गैरसैंण बनाने की मांग को लेकर आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। भराड़ीसैंण विधानसभा के लिए आंदोलनकारियों ने आज तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को एक चेतावनी भरा पत्र प्रेषित किया।
पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि यदि इस मानसून सत्र में गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करने का विधेयक नहीं लाया गया, तो आंदोलनकारी विधानसभा सत्र की समाप्ति पर सभी 70 विधायकों के पुतलों का सामूहिक दहन करेंगे। आंदोलनकारियों का कहना है कि यह पहला अवसर होगा जब राजधानी गैरसैंण में एक साथ सभी नेताओं के पुतले जलाए जाएंगे।
आंदोलनकारियों ने तीन दिन तक शांतिपूर्ण और संयमित तरीके से धरना देने की बात दोहराई है, लेकिन चौथे और अंतिम दिन ‘ऐतिहासिक दहन’ का ऐलान कर दिया है। उनका कहना है कि अब यह आंदोलन उत्तराखंड की अस्मिता और पहाड़ की असली राजधानी की लड़ाई है, जिसमें किसी तरह का समझौता स्वीकार्य नहीं होगा।
पत्र में आंदोलनकारियों का कहना है–
गैरसैंण भौगोलिक, जनसांख्यिकीय और पर्यावरणीय दृष्टि से ही स्थायी राजधानी का सही स्थान है।
अब तक की राजधानी व्यवस्था देहरादून-केंद्रित राजनीति को ही मजबूत करती रही है।
यदि सरकार और विपक्ष दोनों ही जनता की इस मांग को दरकिनार करते हैं, तो यह प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात होगा।
आंदोलनकारियों ने साफ चेतावनी दी है कि मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष दोनों को इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख लेना होगा, वहीं जानकारी मिली हैं कल निर्दलीय विधायक के लिए पत्र भेजा जाएगा
Discussion about this post