उत्तराखंड के केलाखेड़ा नगर पंचायत चुनावों को उच्च न्यायालय ने असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है। न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को सही मानते हुए सरकार को तीन महिनों के भीतर केलाखेड़ा नगर पंचायत में अध्यक्ष पद पर दोबारा चुनाव कराने के आदेश दिए हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने चेयरमैन हामिद अली की याचिका को भी खारिज कर दिया है।
मामले के अनुसार वर्ष 2018 में हामिद अली ने केलाखेड़ा नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीता, जिसको अकरम खान ने निचली अदालत में चुनावी याचिका के माध्यम से चुनौती दी जिसे न्यायालय ने असंवैधानिक करार दिया ।
आपको बता दे कि इस फैसले को चेयरमैन हामिद अली ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी । वहीं दूसरे स्थान पर रहे अकरम खान ने इस चुनावों को चुनाव याचिका के जरिये न्यायालय में चुनौती दी । याचिका में आरोप लगाता था कि हामिद अली ने गलत तथ्य पेश किये और बच्चों की जानकारी भी चुनाव के दौरान छिपाई गई है । निचली अदालत ने चुनाव को असंवैधानिक करार दिया तो चेयरमैन हामिद अली ने भी उच्च न्यायालय में इस फैसले को चुनौती दी ।
इसके साथ ही अकरम खान ने भी एक याचिका दाखिल कर न्यायालय में नगर पालिका अधिनियम 44 A का पालन कराने की प्रार्थना की । जिसमें साफ कहा गया है कि अगर कोई पद रिक्त होता है तो उस पद पर तीन महिनों के भीतर चुनाव होना चाहिये। हांलाकि सरकार और चुनाव आयोग समेत न्यायालय ने अकरम खान को नोटिस जारी कर जवाब मांगा । जवाब और लम्बी सुनवाई के बाद नवम्बर 2021 में उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख दिया। आज कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए नगर पंचायत चुनावों पर निचली अदालत के फैसले पर मुहर लगाते हुए चुनाव को रद्द कर दिया है । साथ ही तीन महिनों के भीतर चुनाव कराने का आदेश दिया है।