Income Tax 2023 new budget limit. अगर सरकार ऐसा करती है तो देश के मध्यम वर्ग के लिए यह बहुत बड़ी राहत होगी. आयकर की सीमा में आखिरी 2014 में बदलाव किया था. तब 2 लाख की लिमिट को बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये किया गया था. पिछले 9 वर्षों में आयकर छूट (Income Tax Exemption) का दायरा नहीं बढ़ाया गया है. हालांकि, हर बजट में ज्यादा आयकर छूट मिलने की उम्मीद इनकम टैक्स पेयर करते हैं, पर यह उम्मीद पूरी नहीं होती है।
IANS के सूत्रों ने किया कन्फर्म
आईएएनएस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सरकार 2023-24 के बजट में आयकर छूट की सीमा मौजूदा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर सकती है. गौरतलब है कि मोदी सरकार के इस कार्यकाल का यह आखिरी पूर्ण बजट होगा. साल 2024 में आम चुनाव होंगे. उम्मीद है कि बजट में वित्त मंत्री आयकर सीमा को बढ़ाकर मध्यम वर्ग को लुभाने की कोशिश करेगी।
ढ़ाई लाख तक आय है टैक्स फ्री
अगर आयकर स्लैब में बदलाव करते हुए आयकर सीमा को बढ़ाया जाता है, तो इसका सबसे ज्यादा फायदा नौकरीपेशा लोगों और अपना छोटे कारोबारियों को होगा. मार्च, 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि 2020-21 असेसमेंट ईयर यानी 2019-20 वित्तीय वर्ष में कुल 8,13,22,263 लोगों ने इनकम टैक्स का भुगतान किया है. सूत्रों ने बताया कि अगर आयकर छूट की सीमा को बढ़ाया जाता है तो आम आदमी के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा. इससे खपत को भी बढ़ावा मिलेगा. वर्तमान में, 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है. 60-80 वर्ष की आयुवर्ग के व्यक्तियों की 3 लाख रुपये और 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों की 5 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री है।
वर्तमान टैक्स स्लैब
- 2.5 लाख तक आय : टैक्स नहीं लगता
- 2.5-5 लाख तक वार्षिक आय : 5% टैक्स
- 5-10 लाख तक की सालाना इनकम : 20% टैक्स
- 10 लाख से ज्यादा वार्षिक आय : 30% टैक्स
9 साल से नहीं मिली खुशखबरी
पिछले 9 वर्षों से आयकर स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. आखिरी बार साल 2014 में सरकार ने आयकर छूट की सीमा को बढ़ाया था. यह परिवर्तन नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल का पहला आम बजट था. अब साल 2023 में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. वित्त मंत्री 1 फरवरी, 2023 को केंद्रीय बजट पेश कर सकती हैं।