पहले की तुलना में अब लोगों को अधिक सुविधाएं और बेहतर उपचार व्यवस्था मिल रही है, जिससे मरीजों में संतोष और भरोसा बढ़ा है।
सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे के प्रयासों से बदली व्यवस्था
इस सकारात्मक परिवर्तन के पीछे सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे के निरंतर प्रयास हैं।
उन्होंने जिला अस्पताल में आयुर्वेदिक उपचार व्यवस्था की कमियों को उजागर करते हुए चार अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई थीं।
इन शिकायतों में तत्कालीन जिलाधिकारी और दो चिकित्सकों के खिलाफ अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे।
मामला अब प्रधानमंत्री कार्यालय, राज्यपाल, मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव और आयुष सचिव तक पहुंच चुका है।
इन प्रयासों के परिणामस्वरूप जिलाधिकारी का तबादला हो गया है और दो चिकित्सकों पर विभागीय कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
प्रमाणों के आधार पर हुई कार्रवाई, नई नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ
संजय पाण्डे ने अपने दावों के समर्थन में उच्चाधिकारियों को दस्तावेजी प्रमाण और रिपोर्ट भेजी थीं, जिनके आधार पर जांच और कार्रवाई तय मानी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, आरोपित चिकित्सक स्वयं को “सचिव का खास आदमी” बताकर प्रभाव दिखाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अब निदेशालय ने अल्मोड़ा के लिए नए आयुर्वेदिक अधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है।
डॉ. गीता पुनेठा कर रही हैं मरीजों का नियमित उपचार
इस बीच, वरिष्ठ आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. गीता पुनेठा जिला अस्पताल के कक्ष संख्या-9 में मरीजों का नियमित उपचार कर रही हैं।
उनके कार्यकाल में ओपीडी में मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है, जो आयुर्वेदिक चिकित्सा पर जनता के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
नागरिकों से अपील: आयुर्वेदिक चिकित्सा अपनाएं, स्वस्थ रहें
सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे ने नागरिकों से अपील की है कि वे जिला आयुर्वेदिक चिकित्सालय, अल्मोड़ा में उपलब्ध सुविधाओं का लाभ लें और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति पर विश्वास बनाए रखें।
उनका कहना है कि “आयुर्वेद न केवल उपचार का माध्यम है, बल्कि यह जीवनशैली का विज्ञान है, जो शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखता है।”











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