Dehradun: भाजपा ने निकाय चुनाव में 94 नेताओं को निष्कासित कर पार्टी से 6 साल के लिए बाहर कर दिया है। तो वही कांग्रेस ने भी 16 बागी नेताओं को निष्कासित कर दिया है।
राजनीति में यह पहली बार नहीं हो रहा है की पार्टी से बगावत करके नेता चुनाव लड़ रहे हैं इससे पहले भी राष्ट्रीय पार्टियों से नेता बागी हुए हैं और पार्टी से अलग निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव भी लड़ चुके हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या 2027 से पहले सभी बागी नेताओं की घर वापसी होगी या नहीं।
बता दे कि जो नेता पार्टी से बगावत करके निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते हैं तो उनको पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है।
लेकिन हर बार चुनाव के टाइम पर नेता बागी होते हैं और पार्टी द्वारा उनका निष्कासन भी किया जाता है लेकिन जब चुनाव नजदीक आते हैं तो पार्टी के ही लोग चुनाव होने से पहले ही सभी बागियों को मना कर घर वापसी करा देते हैं।
जबकि नियम यह है कि यदि किसी नेता को 6 या 5 साल के लिए निष्कासित किया जाता है तो 6 साल से पहले भागी नेता घर वापसी नहीं कर सकते है। लेकिन अब ऐसा नहीं है। सभी बागी नेताओं को पता है कि चुनाव के टाइम पार्टी द्वारा बागी नेताओं का निष्कासन किया जाता है लेकिन जैसे ही अगला चुनाव नजदीक आता है तो सभी बागी नेताओं को फिर पार्टी में सम्मिलित कर दिया जाता है।इसलिए पार्टी से निष्कासन होना नेताओं के लिए आम बात है सभी नेताओं को पता होता कि अगले चुनाव होने से पहले सबकी घर वापसी होनी तय है।
अब ये देखने वाली बात होगी कि 2027 में भाजपा और कांग्रेस बागी नेताओं की घर वापसी करती है या नहीं
भाजपा ने इन नेताओं को किया निष्कासित
पौड़ी के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष केसर सिंह नेगी, उनकी पत्नी व जिला पंचायत सदस्य हिमानी नेगी, पौड़ी के जिला उपाध्यक्ष लखपत भंडारी, श्रीनगर में मेयर का चुनाव लड़ रहीं आरती भंडारी उनके पति भाजपा जिला उपाध्यक्ष लखपत भंडारी, उत्तरकाशी के पूर्व पालिकाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौहान समेत 94 नेताओं को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इनमें से 18 विभिन्न निकायों में मेयर, अध्यक्ष के पदों पर ताल ठोक रहे हैं।
शुक्रवार को बलवीर रोड स्थित पार्टी मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की अध्यक्षता में हुई प्रदेश चुनाव संचालन कमेटी की बैठक में में यह निर्देश दिए गए। प्रदेश नेतृत्व की सिफारिश के बाद जिलाध्यक्षों ने निष्कासन की कार्रवाई शुरू कर दी है। अभी तक देहरादून, पौड़ी, श्रीनगर, ऊखीमठ, अगस्तयमुनि, कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग, टिहरी, चंबा, मुनिकीरेती, चमियाला, उत्तरकाशी, पुरोला, नौगांव और बड़कोट निकाय में अध्यक्ष पद, पार्षद और सभासद के लिए चुनाव लड़ रहे बागियों पर एक्शन लिया गया है।
बैठक में तय किया गया कि जो कार्यकर्ता अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ प्रत्यक्ष चुनाव लड़ रहे हैं या जिन कार्यकर्ताओं के परिजन रिश्तेदार भी चुनाव लड़ रहे हैं, पहले उन सभी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। विभिन्न नगर निगमों में मेयर, पालिकाध्यक्ष, नगर पंचायत अध्यक्ष, पार्षद और सभासद के पदों पर पार्टी के ऐसे 120 से ज्यादा कार्यकर्ता बागी होकर चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं।
कांग्रेस ने इन नेताओं को किया निष्कासित
रुड़की में मेयर पद पर अपनी पत्नी को चुनाव लड़ा रहे पूर्व मेयर यशपाल राणा, रुद्रप्रयाग में संतोष रावत, ऊखीमठ से कुब्जा धर्मवाण, नगर पालिका बागेश्वर से कवि जोशी, कोटद्वार में महेंद्र पाल सिंह रावत, ऋषिकेश में दिनेश चन्द, मास्टर, महेन्द्र सिंह, गौचर से सुनील पंवार, कर्णप्रयाग से गजपाल लाल सैनी, अनिल कुमार, अनीता देवी, गैरसैंण से पुष्कर सिंह रावत, पीपलकोटी से आरती नवानी, टिहरी नगर पालिका चम्बा से प्रीति पंवार, घनसाली से विनोद लाल शाह, नगर पालिका टिहरी से भगत सिह नेगी को छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया गया है।