Bobby Panwar Press Conference Highlights Government’s Support to Corrupt Officials
देहरादून, 11 जून 2025 — उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बॉबी पंवार ने आज एक अहम प्रेस वार्ता के दौरान राज्य सरकार पर भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UKPCL) के एमडी अनिल यादव के खिलाफ दर्ज जनहित याचिका (PIL) ठोस साक्ष्यों पर आधारित थी, लेकिन धामी सरकार इस भ्रष्ट अधिकारी को बचाने की कोशिश कर रही है।
जनता को दस्तावेज़ों के साथ दी गई सच्चाई की जानकारी
Bobby Panwar ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भ्रष्टाचार से जुड़े सभी दस्तावेज और प्रमाण मीडिया के सामने प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि सरकार के अधिवक्ता भ्रष्ट अधिकारी की पैरवी कर रहे हैं जबकि याचिकाकर्ता को ही कटघरे में खड़ा किया जा रहा है।
“हम न्याय की उम्मीद लेकर कोर्ट गए, लेकिन वहीं हमें कटघरे में खड़ा कर दिया गया,” – बॉबी पंवार
“CBI जांच का विरोध करने वाले वही महाधिवक्ता”
बॉबी पंवार ने आरोप लगाया कि यह वही महाधिवक्ता हैं जिन्होंने अंकिता भंडारी हत्या मामले में CBI जांच का विरोध किया था। उन्होंने सवाल किया कि एक वकील अगर राज्य की बेटी को न्याय देने से कतराता है, तो वह जनता का प्रतिनिधि कैसे हो सकता है?
सरकारी वकीलों की मौजूदगी में बाहरी वकील क्यों?
Bobby Panwar ने यह भी सवाल उठाया कि जब सरकार के पास पहले से ही महाधिवक्ता और सरकारी वकीलों की एक बड़ी टीम है, तो फिर करोड़ों रुपए खर्च कर बाहरी वकीलों को क्यों लाया जा रहा है?
“प्रत्येक सुनवाई पर 20-20 लाख रुपये देना जनता के पैसे का दुरुपयोग है,” – बॉबी पंवार
सरकारी धन के दुरुपयोग का खुलासा
प्रेस वार्ता में बॉबी पंवार ने करोड़ों रुपये के शराब और होटल बिलों, वकीलों के भुगतान आदि के दस्तावेज पत्रकारों के सामने रखे। उन्होंने कहा कि सरकार पारदर्शिता के नाम पर सिर्फ दिखावा कर रही है, जबकि असल में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है।
“अब चुप नहीं बैठेंगे” — उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा
मोर्चा के उपाध्यक्ष त्रिभुवन चौहान ने कहा कि यह लड़ाई अब शुरू हुई है और जब तक भ्रष्टाचार का अंत नहीं होता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। प्रेस वार्ता में सैनिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष कैलाश देवरानी, राजेंद्र भट्ट, मनोज कोठियाल, प्रमोद काला भी मौजूद रहे।
जनता की आवाज दबाने की कोशिश
Bobby Panwar ने कहा कि सरकार ने उन पर झूठे मुकदमे इसलिए लगाए ताकि वे जनता की आवाज न उठा सकें। लेकिन अब उत्तराखंड की जनता जागरूक हो रही है और यदि सरकार ने नहीं सुना तो “सड़कों से लेकर अदालत तक आवाज गूंजेगी।”
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