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श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में शुरू हुआ BPALM Regimen से MDR TB का इलाज
देहरादून स्थित श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने टीबी (Tuberculosis) के उन्नत मामलों के इलाज में एक बड़ी सफलता हासिल की है। अस्पताल ने उत्तराखंड में सबसे पहले बीपीएएलएम रेजिमन (BPALM Regimen) तकनीक से एमडीआर टीबी (MDR TB) के मरीजों का उपचार शुरू किया है।
क्या है BPALM Regimen और कैसे करता है काम?
पहले एमडीआर टीबी (Multidrug Resistant Tuberculosis) के मरीजों को 18 से 24 महीने तक लंबा इलाज करना पड़ता था। लेकिन अब इस नई तकनीक के माध्यम से यह कोर्स केवल 6 महीनों में पूरा हो सकता है।
बीपीएएलएम उपचार के फायदे:
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कम समय में इलाज (TB Cure in 6 Months)
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कम दवाइयां और कम साइड इफेक्ट
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बेहतर रिकवरी रेट और सफलता दर
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रोज़ की दवाइयों की संख्या में कमी
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत उठाया गया कदम
इस पहल को National Tuberculosis Elimination Program (NTEP) के तहत केंद्र सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री TB मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत BPALM Regimen को पूरे देश में लागू किया जा रहा है, जिसमें अब उत्तराखंड भी शामिल हो गया है।
कार्यक्रम का शुभारंभ व विशेषज्ञों की राय
बुधवार को अस्पताल के छाती एवं श्वास रोग विभाग में इस कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय पंडिता और विभागाध्यक्ष डॉ. जगदीश रावत ने दीप प्रज्वलित कर और पहली BPALM किट मरीज को देकर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया।
नोडल अधिकारी डॉ. श्रावणी कांची ने बताया कि BPALM Regimen से उपचार की समयसीमा में कमी आने के साथ-साथ रिकवरी रेट में भी भारी सुधार देखने को मिलेगा।
उपस्थित चिकित्सकों में शामिल रहे:
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डॉ. अभय प्रताप सिंह
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डॉ. सिद्धांत कुमार
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डॉ. विपिन सिंह
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डॉ. चैतन्य सरदाना
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डॉ. रमनदीप कालरा
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डॉ. मान्वेंद्र सिंह
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डॉ. श्रिपा शर्मा
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डॉ. आध्या कथूरिया
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डॉ. लविश
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डॉ. सुकृति
निष्कर्ष: बीपीएएलएम तकनीक टीबी मरीजों के लिए वरदान
BPALM Regimen ने एमडीआर टीबी के मरीजों के लिए नए जीवन की उम्मीद जगाई है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की यह पहल न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे भारत के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में एक मॉडल उपलब्धि बन सकती है।
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