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प्रदर्शन के दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई। जब पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की, तो प्रदर्शनकारियों ने जबरदस्त धक्का-मुक्की की। इसके बाद वे वहीं धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ विरोध जारी रखा।
“भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी”
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही प्रेमचंद अग्रवाल को मंत्री पद से नहीं हटाया गया, तो यह आंदोलन प्रदेशव्यापी जन आंदोलन में बदल जाएगा। उन्होंने कहा, “हम उत्तराखंड के लोगों का अपमान सहन नहीं करेंगे। यदि सरकार ने हमारी मांगों को अनदेखा किया, तो पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन तेज किए जाएंगे।”
प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने मंत्री पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रेमचंद अग्रवाल पर भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने के आरोप हैं। उन्होंने कहा, “अग्रवाल उत्तराखंडी समाज के प्रति नफरत से भरे हुए हैं। ऐसे व्यक्ति का कैबिनेट में बने रहना राज्य की जनता का अपमान है।”
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता रहे शामिल
सीएम आवास कूच में राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल, प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय डोभाल, विनोद कोठियाल, सुरेंद्र सिंह चौहान, शैलेंद्र सिंह गुसाईं, उपेंद्र सकलानी, मनोरमा चमोली, शांति चौहान, रजनी कुकरेती, जगदंबा बिष्ट, प्रियंका रावत, सुनीता, दयानंद मनोरी, सुभाष नौटियाल, पवन बिजल्वाण समेत दर्जनों कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल रहे।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस की सख्ती और कार्यकर्ताओं के उग्र तेवरों से माहौल तनावपूर्ण हो गया था। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने साफ कर दिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।