देहरादून: दरोगा भर्ती धांधली की जांच कर रही विजिलेंस जल्द ही नकलची दरोगाओं के नाम पुलिस मुख्यालय को सौंप सकती है।
जुलाई में एसटीएफ ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से कराई गई स्नातक स्तरीय परीक्षा में धांधली की जांच शुरू की थी। इसमें शुरुआत में ही नकल सिंडीकेट के कई लोगों के नाम सामने आ गए।
एसटीएफ ने 15 दरोगाओं के नाम विजिलेंस को सौंपे थे। बताया जा रहा कि कुछ और दरोगाओं के नाम विजिलेंस की जांच में आ चुके हैं। पूरी लिस्ट के तस्दीक होने के बाद पुलिस मुख्यालय दरोगाओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा सूत्रों के मुताबिक, विजिलेंस उनके खिलाफ वृहद दंड (बर्खास्तगी) पर भी विचार कर रहा है। जुलाई में एसटीएफ ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से कराई गई स्नातक स्तरीय परीक्षा में धांधली की जांच शुरू की थी। इसमें शुरुआत में ही नकल सिंडीकेट के कई लोगों के नाम सामने आ गए।पता चला कि उन्होंने इस परीक्षा में ही नहीं, बल्कि कई और परीक्षाओं में नकल कराई है। इनमें से एक पुलिस की दरोगा सीधी भर्ती 2015 भी शामिल है। इसमें ओएमआर शीट से गड़बड़ी की गई थी। जांच में 15 दरोगाओं के नाम एसटीएफ को मिल चुके थे। इसमें पुलिस मुख्यालय ने विजिलेंस जांच की सिफारिश की थी। शुरुआती पड़ताल के बाद शासन ने विजिलेंस को मामले में मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दी थी। इसमें कुल 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।इनमें से दो पंतनगर विवि के अधिकारी (एक सेवानिवृत्त) शामिल हैं, जबकि 10 लोग नकल सिंडीकेट के सदस्य हैं। शुरुआती जांच के दौरान इन अधिकारियों से लंबी पूछताछ की गई। इसमें एसटीएफ की ओर से मुहैया कराए गए 15 दरोगाओं के अलावा कुछ और दरोगाओं के नाम सामने आए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, ऐसे अब तक करीब 22 दरोगाओं के नाम विजिलेंस को पता चल चुके हैं, जबकि इनकी कुल संख्या तकरीबन 35 बताई जा रही है। जल्द ही शुरुआती जांच के बाद विजिलेंस इन दरोगाओं के नाम पुलिस मुख्यालय को सौंपने की तैयारी कर रहा ताकि, इनके नाम मुकदमे में शामिल किए जा सकें। मुकदमे में नाम शामिल होने के बाद दरोगाओं के खिलाफ पुलिस मुख्यालय कार्रवाई करेगा। पुलिस अधिकारी पहले ही साफ कर चुके हैं कि ऐसे दरोगाओं के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई भी की जा सकती है।