You might also like
देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल ने दिव्यांग और असहाय बच्चों के नाम पर करोड़ों की फंडिंग लेने वाले 20 प्रतिष्ठित संस्थानों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। इन संस्थानों पर आरोप है कि वे पंजीकरण के समय बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर व्यवस्थाएं नदारद हैं। डीएम ने तीन सदस्यीय अफसरों की कमेटी गठित कर 16 बिंदुओं पर विस्तृत इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट तलब की है।
डीएम का सख्त संदेश: सेवा को व्यवसाय नहीं बनने देंगे
डीएम सविन बंसल ने कहा कि मानवीय सेवा को व्यवसाय का अड्डा नहीं बनने दिया जाएगा। हाल ही में जब कुछ मानसिक दिव्यांग बालिकाओं को एडमिशन की आवश्यकता पड़ी, तो अधिकांश संस्थानों ने इनकार कर दिया। यहां तक कि उन्होंने डिस्ट्रिक्ट सोशल वेलफेयर ऑफिसर और प्रोबेशन ऑफिसर के निर्देश भी मानने से मना कर दिया। इस लापरवाही पर डीएम ने दोनों अधिकारियों को फटकार लगाई और चेताया कि वे सिर्फ दस्तखत की भूमिका तक सीमित न रहें।
रजिस्ट्रेशन के समय दिखाए गए संसाधन, धरातल पर गायब
जिला प्रशासन को मिली शिकायतों के आधार पर सामने आया है कि पंजीकरण के समय संस्थानों द्वारा दिखाए गए स्टाफ, मेडिकल फैसिलिटी, टीचर्स और एक्सपर्ट्स वास्तव में मौजूद ही नहीं हैं। डीएम ने चेतावनी दी है कि अब सत्यापन के बिना किसी का भी रजिस्ट्रेशन नहीं होगा, और नियमों की अनदेखी पर डायरेक्ट कैंसलेशन किया जाएगा।
हस्ताक्षर से फंड भी मिल सकता है, ताला भी लग सकता है: डीएम
डीएम ने सख्त लहजे में कहा कि जिस सरकारी हस्ताक्षर से करोड़ों की फंडिंग हासिल होती है, उसी हस्ताक्षर से जरूरत पड़ने पर संस्थान में ताला भी लग सकता है। इस बयान के बाद शहर के कई नामी संस्थानों में हड़कंप मच गया है।
इन संस्थानों पर शुरू हुई जांच
-
बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग, राजपुर रोड
-
लतिका राय फाउंडेशन, वसंत विहार
-
भरत मंदिर स्कूल सोसाइटी, ऋषिकेश
-
रफैल राइडर चेशायर इंटरनेशनल सेंटर, मोहनी रोड
-
अरुणिमा प्रोजेक्ट विद ऑटिज्म यूनिट, गेटवे ग्राम, सिनोला
-
यशोदा फाउंडेशन, डोईवाला
-
एमडीआरएस, तपोवन
-
मुशीसभा सेवा सदन एवं पुनर्वास, हरबर्टपुर
-
दिव्य एजुकेशन सोसाइटी, नींबूवाला
-
डिस्लेक्सिया सोसाइटी ऑफ उत्तराखंड, राजपुर रोड
-
सेतु संस्था, डालनवाला
-
हरबर्टपुर क्रिश्चियन हॉस्पिटल सोसाइटी, हरबर्टपुर
-
चेशायर होम्स इंडिया, डालनवाला
-
वसुंधरा मानव कल्याण संस्था, देहरादून
-
लर्निंग ट्री विशेष विद्यालय, धर्मपुर
-
नन्ही दुनिया मूक बधिर विद्यालय, कालीदास रोड
-
आशा स्कूल, गढ़ी कैंट
-
आशोनिक वेलफेयर सोसाइटी के अंतर्गत सशक्त स्पेशल स्कूल, बालावाला
-
नंदा देवी निर्धन दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन, देहरादून
इन अधिकारियों को दी गई जांच की जिम्मेदारी
-
जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक)
-
जिला समाज कल्याण अधिकारी
-
जिला प्रोबेशन अधिकारी
इन 16 बिंदुओं पर होगी संस्थानों की जांच
-
संस्था का प्रकार और नाम
-
संस्था का रजिस्ट्रेशन व वैधता
-
संस्था का उद्देश्य (उपचार, शिक्षा, पुनर्वास आदि)
-
आरपीडब्ल्यूडी एक्ट में रजिस्ट्रेशन की स्थिति
-
आवासीय या डे-बोर्डिंग व्यवस्था का सत्यापन
-
उपलब्ध सुविधाएं व उनकी गुणवत्ता
-
फीस स्ट्रक्चर – मुफ्त या पेड
-
संस्था की क्षमता और वास्तविक आंकड़े
-
स्टाफ, विशेषज्ञ और ट्रेनिंग की स्थिति
-
मनोवैज्ञानिक/मनोचिकित्सक की उपलब्धता
-
लड़कियों-बालकों के लिए पृथक आवासीय व्यवस्था
-
बीते तीन वर्षों का कार्य और फंडिंग स्रोत
-
स्टाफ का आरसीआई रजिस्ट्रेशन
-
दिव्यांगजनों का प्रकार – किस श्रेणी के साथ कार्य
-
बच्चों की संख्या संस्था की क्षमता के अनुरूप या नहीं
-
शैक्षणिक, सामाजिक और पुनर्वास सेवाओं की स्थिति
Discussion about this post