दून में बनी कंपनी सनराइज सिक्योरिटी एंड सर्विसेज ने दो साल तक फर्जी तरीके से करीब 32 लाख रुपये से ज्यादा का पीएफ हड़प लिया। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है। इस कंपनी से अब तक 16 लाख रुपये की वसूली भी हो गई है।
कर्मचारी ने पीएफ घोटाले का खेल 2020 से शुरू किया। फर्जी तरीके से कर्मचारी दिखा और वेतन भुगतान कर कंपनी हर महीने पीएफ की रकम हड़पती रही। यह सिलसिला साल 2022 तक जारी रहा। इन दो वर्षों में कंपनी करीब 32 लाख रुपये के पीएफ का घोटाला कर चुकी थी।
कंपनी का यह फर्जीवाड़ा जैसे ही ईपीएफओ के सामने आया कंपनी से जुड़े लोग दून से भाग गए। कंपनी ने नगर निगम के वार्ड-40 में अपना कार्यालय बनाया था। ईपीएफओ ने कंपनी के खिलाफ नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
ओप्पो और इनोविजन से वसूले 22 लाख रुपये
कंपनियों के हक का पैसे हड़पने में मोबाइल कंपनी ओप्पो और सिक्योरिटी कंपनी इनोविजन लिमिटेड भी पीछे नहीं हैं। इन दोनों कंपनियों से भी ईपीएफओ ने 22 लाख रुपये से ज्यादा की रकम वसूल ली है। ये कंपनियां वर्षों से कर्मचारियों के पीएफ की रकम अपने खाते में जमा करा रही थीं। जबकि, कंपनी के रिकॉर्ड में पीएफ का पैसा कर्मचारियों के खाते में जमा दिखाया जा रहा था।
कंपनी ने दो साल तक करीब 32 लाख रुपये का पीएफ घोटाला किया है। इस कंपनी से 16 लाख रुपये की वसूली की जा चुकी है। कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। इसके अलावा, उन वैध कंपनियों पर भी कार्रवाई जारी है जो कर्मचारियों के हक का पैसा हड़प रही हैं। विश्वजीत सागर, क्षेत्रीय आयुक्त, ईपीएफओ