दमन : देवभूमि में निष्पक्ष पत्रकारिता खतरे में,सवाल करने पर वरिष्ठ पत्रकार पर मुकदमा दर्ज
ब्यूरो न्यूज़ : उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
पत्रकारिता कहने को तो चौथा स्तंभ और दूसरा विपक्ष लोकतंत्र का माना जाता हैं लेकिन आज के दौर की बात करें तो अब लोकतंत्र में इस चौथे स्तंभ का निष्पक्ष रहना किसी खतरे से कम नहीं।
जी हां ऐसा इसलिए कहना पड़ रहा हैं क्योंकि निष्पक्ष पत्रकारिता न तो आज की सरकारों को नजर आ रहीं न ही उनके साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने वाले उनके मित्रों को,कुछ ऐसा ही फिर एक बार देखने को मिला हैं देवभूमि उत्तराखंड में।
जहां चारो धाम बसते हैं वहीं के एक धाम में पिछले वर्ष मानव जनित एक ऐसा चमत्कार हुआ की कुछ समय पहले ही मंदिर में लगाई गई सोने की परतें पीतल में बदल गई,जिसके बाद कई सवाल बद्री केदार मंदिर समिति और समिति अध्यक्ष पर लगें।
अब बाबा केदार के इस वर्ष कपाट खुलने से पूर्व फिर यह सवाल उठने लगा की आखिर मंदिर में लगा सोना पीतल कैसे हो गया,यह मुद्दा इसबार चुनाव में भी रहा,क्योंकि जो जांच मंदिर में लगे सोने के पीतल में बदल जाने की थी वह आज तक गायब हैं।
अब जब ऐसे में वरिष्ठ पत्रकार गजेंद्र रावत ने सवाल किया और सत्ता पक्ष के करीबी मंदिर समिति अध्यक्ष से किया तो इनपर मुकदमा दर्ज करा दिया गया,जिसके बाद से प्रदेश भर में सवाल खड़े हो गए हैं,कई पत्रकार इसे पत्रकारिता का दमन करना बता रहें हैं और सच भी हैं यह किसी तानाशाही दमन से कम भी नहीं,कहां जा रहा हैं पत्रकार के सवाल करने से धार्मिक भावना आहत हुई,लेकिन क्या मंदिर में सोने के नाम पर पीतल लगा देने से धार्मिक भावनाएं आहत नहीं हुई।
यह सच हैं जब भ्रष्टाचार नहीं छुपा पाते तो दमन करना ही पड़ता हैं,लेकिन गजेंद्र रावत का कहना हैं वह इन तरह के मुकदमों से नहीं डरते वह सवाल करेंगे और वह जानते हैं मुकदमें के इस खेल के पीछे कौन चेहरे हैं।
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