देहरादून — जिला प्रशासन देहरादून ने सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील (मध्याह्न भोजन) की गुणवत्ता सुधारने और बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने जिला योजना विशेष फंड से 89 लाख रुपये की पहली किस्त स्वीकृत कर 42 किचनविहीन विद्यालयों में किचन और स्टोर रूम के निर्माण और मरम्मत के आदेश दिए हैं।
मुख्य बिंदु:
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डीएम ने 2 सप्ताह में किया कमिटमेंट पूरा
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42 विद्यालयों में नए किचन व स्टोर रूम निर्माण
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एल्यूमीनियम के बर्तनों पर रोक, स्टील के बर्तनों का निर्देश
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पहली बार 50 बड़े स्कूलों में सहायक भोजन माताओं की तैनाती
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695 विद्यालयों के जर्जर किचनों की मरम्मत भी प्लान में शामिल
बच्चों को गुणवत्तायुक्त भोजन देना प्रशासन की जिम्मेदारी: डीएम
डीएम सविन बंसल ने कहा कि “बच्चों और भोजन माताओं का स्वस्थ रहना जरूरी है। यह जिला प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि प्रत्येक विद्यालय में स्वच्छ और सुरक्षित भोजन उपलब्ध हो। विद्यालयों में अब एल्यूमीनियम बर्तनों पर पूर्ण रोक लगाई गई है और इसके स्थान पर स्टील व आयरन के बर्तनों का उपयोग किया जाएगा।”
विशेष समीक्षा बैठक बनी आधार
पिछले माह समीक्षा बैठक में किचन विहीन स्कूलों का मुद्दा सामने आते ही डीएम ने तत्काल पत्रावली तैयार कर प्रभारी मंत्री से विशेष फंड का अनुमोदन प्राप्त किया और 2 सप्ताह में ही कार्यवाही शुरू कर दी।
राज्य में पहली बार: 50 बड़े स्कूलों में सहायक भोजन माताएं
राज्य में पहली बार देहरादून जिले के 50 बड़े विद्यालयों में, जहाँ बच्चों की संख्या अधिक है, वहां एक-एक स्थानीय महिला को सहायक भोजन माता के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इससे जहां भोजन की गुणवत्ता में सुधार होगा, वहीं स्थानीय महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा।
695 किचन की मरम्मत भी प्लान में शामिल
देहरादून जिले में 695 स्कूलों के जर्जर रसोई घरों की मरम्मत को भी जिला योजना में शामिल किया गया है। डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मिड-डे मील की गुणवत्ता और पोषण तत्वों की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए।
मिड-डे मील से 70 हजार से अधिक छात्र लाभान्वित
जनपद में पीएम पोषण योजना के तहत कुल 1306 विद्यालय आच्छादित हैं, जिनमें:
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प्राथमिक स्तर पर: 41049 छात्र
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उच्च प्राथमिक स्तर पर: 29618 छात्र
👉 कुल लाभार्थी: 70667 छात्र
इनमें से 638 विद्यालयों में अक्षय पात्र संस्था के केंद्रीकृत किचन से भोजन पहुंचाया जाता है। वहीं, 2118 भोजन माताएं जिले भर में कार्यरत हैं।
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