डोईवाला में वित्तीय गड़बड़ी और परिसीमन में छेड़छाड़ के आरोपी एडीओ राजेंद्र सिंह गुसाईं का स्थानांतरण बना टेढ़ी खीर
जिस सहायक विकास अधिकारी (एडीओ) पंचायत पर वित्तीय गड़बड़ी से लेकर परिसीमन में छेड़छाड़ करने के आरोप लगे हैं, एफआईआर तक दर्ज की गई है, उसे हटाने के लिए सीडीओ से लेकर राज्य निर्वाचन आयोग तक के पत्र काम नहीं आ रहे। उन्हें अन्यत्र गैर संवेदनशील पदों पर स्थानांतरित करने के लिए शासन को भेजे गए पत्र पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। यह प्रकरण डोईवाला विकासखंड के एडीओ राजेंद्र सिंह गुसाईं से जुड़ा है और अलग अलग जांच के क्रम में उन पर आरोपों की पुष्टि की गई।
डोईवाला विकासखंड के सहायक विकास अधिकारी राजेंद्र सिंह गुसाईं पर पहला आरोप ग्राम पंचायतों की सहमति और सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के बिना प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए साइन बोर्ड की आपूर्ति कराने का लगाया गया था। इसके अलावा राजेंद्र सिंह गुसाईं ने पंचायतों के पुनः परिसीमन के मामले में भी नियमों को ताक पर रखा। उन्होंने उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाए बिना जिला पंचायत क्षेत्र साहबनगर का नाम बदलकर खैरी खुर्द कर दिया।
साथ ही खड़ी खड़कमाफ प्रथम, खरीखुर्द और हरिपुर कला तृतीय का परिसीमन कुछ विशेष व्यक्तियों के कहने पर किया गया। जिलाधिकारी सविन बंसल के सख्त रुख के बाद दोनों प्रकरण में कराई गई जांच में अनियमितता की पुष्टि की गई थी। जिस पर राजेंद्र सिंह के विरुद्ध अक्टूबर 2024 में एफआइआर भी दर्ज कराई गई। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने तीन दिसंबर को राज्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखा।
जिसमें उन्होंने कहा कि राजेंद्र सिंह गुसाईं को त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन एवं वित्तीय दायित्वों से रहित गैर संवेदनशील पद पर अन्यत्र स्थानांतरित कराया जाए। मुख्य विकास अधिकारी के पत्र का संज्ञान लेते हुए आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने 11 दिसंबर को सचिव पंचतीराज को पत्र भेजकर राजेंद्र सिंह गुसाईं के प्रकरण में आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा। हालांकि, इसके कई दिन बाद भी डोईवाला विकासखंड के सहायक विकास अधिकारी राजेंद्र सिंह गुसाईं यथावत बने हुए हैं।