विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजों ने पूर्व काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के 40 साल के राजनीतिक अनुभव को भी फेल कर दिया।
आपको बता दे कि, हरक रावत को उम्मीद थी कि इस चुनाव में कांग्रेस की 38 से 40 सीटें आएंगी, लेकिन आईं केवल 19 ही। हरक रावत ने यह भी स्वीकार किया कि वो भाजपा नहीं छोड़ना चाहते थे लेकिन भाजपा ने ही उन्हें छोड़ दिया।
हरक रावत ने मीडिया से बातचीत में ईवीएम पर भी सवाल उठाए। कहा कि, ईवीएम के बजाए बैलेट पेपर की पुरानी परंपरा से ही होने चाहिए चुनाव।विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजों ने पूर्व काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के 40 साल के राजनीतिक अनुभव को भी फेल कर दिया। रावत को उम्मीद थी कि इस चुनाव में कांग्रेस की 38 से 40 सीटें आएंगी, लेकिन आईं केवल 19 ही। रावत ने यह भी स्वीकार किया वो भाजपा नहीं छोड़ना चाहते थे लेकिन भाजपा ने ही उन्हें छोड़ दिया।
राजीव भवन में मीडिया से बातचीत में हरक ने ईवीएम पर भी सवाल उठाए। कहा कि, ईवीएम के बजाए बैलेट पेपर की पुरानी परंपरा से ही होने चाहिए चुनाव। ईवीएम में गड़बड़ी की पूरी संभावना है।
चुनाव नतीजों के बाद हरक का भविष्य क्या है? इस सवाल के जवाब में हरक ने कहा कि अब वो जनता के लिए संघर्ष करते रहेंगे।