रिर्पोटर: आरती वर्मा
जहां लोग तत्काल इलाज के लिए हिमालयन अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में जाते हैं वहीं दूसरी तरफ बिलिंग काउंटर पर घंटो घंटो इंतजार के बाद नंबर नहीं आता और जो लोग सोचते हैं कि उनको इमरजेंसी मैं तत्काल इलाज शुरू कर दिया जाएगा तो उनको बता दें हिमालयन अस्पताल में इमरजेंसी का मतलब कोई नहीं जानता जॉलीग्रांट हिमालयन अस्पताल के स्टाफ को इमरजेंसी का मतलब तक नहीं मालूम फॉर्मेलिटी के लिए बनाया गया है इमरजेंसी वार्ड इलाज के लिए घंटो घंटो मरीजों को करना पड़ता है इंतजार । बिलिंग काउंटर का हाल आपको बता दें एक तरफ स्टाफ के लोग बोलते हैं तुरंत बिल बनवा कर लाइए तो वही बिलिंग काउंटर पर कोई रूल्स रेगुलेशंस नहीं नजर आते कोई लाइन नहीं देखने को मिलती है जिसका जहां दिल करता है वही खड़ा हो जाता है कोई सिस्टम नहीं है हजारो मरीज इमरजेंसी वार्ड में जाते हैं लेकिन बिलिंग काउंटर सिर्फ एक ही है जिसके कारण टाइम पर बिलिंग ना होने की वजह से मरीजों को इलाज के लिए भी देरी का सामना करना पड़ता है स्टाफ कहता है पहले बिल कटवा कर लाइए और दवाइयों के पैसे जमा कराइए उसके बाद ही इलाज शुरू होगा बीती रात हिमालयन अस्पताल में इमरजेंसी बिलिंग काउंटर पर स्टाफ द्वारा अभद्र व्यवहार देखने को मिला जब स्टाफ को कहा गया कि आप सिस्टमैटिकली लाइन बनवाए और समय को खराब ना करते हुए फोन साइड रखकर घंटो घंटो फोन पर बात किए बिना कार्य करें और मरीजों को समय रहते ही बिल बनाकर स्लिप प्रदान करें लेकिन उनके स्टाफ द्वारा मरीजों से ज्यादा अपने फोन कॉल्स को अहमियत दी जाती है फोन पर बिजी होने के कारण अनेक बार बिलिंग स्लिप में उनसे गलतियां हो जाती हैं स्टाफ की गलतियों की वजह से खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है और जब उनसे कहा जाए की आप थोड़ा जल्दी कीजिए हमारा मरीज काफी दर्द में हे परेशान हे तो उनके द्वारा अभद्र व्यवहार किया जाता है। बड़ा सवाल ये हे कि क्या देश भर के सभी अस्पतालों का यही हाल हे स्टाफ की गलतियों के कारण ही मरीजों को अपनी जान गवानी पड़ती है ।