कोटद्वार। सड़क दुर्घटना में युवती की मौत के मामले में फेसबुक पर कमेंट करने पर कोटद्वार पुलिस ने स्थानीय पत्रकार सुधांशु थपलियाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें रातभर हवालात में रखा। पुलिस ने उनका मोबाइल जब्त कर जबरन सादे कागजों पर हस्ताक्षर भी करवाए।
पीड़ित पत्रकार ने इस कार्रवाई के खिलाफ सीएम पोर्टल, पुलिस शिकायत प्राधिकरण और मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद विरोध के स्वर तेज हो गए। इस बीच, मंगलवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी के दुगड्डा आगमन पर भाजपा पदाधिकारियों ने भी कोटद्वार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
16 जनवरी को हुई थी युवती की मौत, 12 दिन बाद भी नहीं पकड़ा गया था आरोपी
दरअसल, 16 जनवरी को सिद्धबली रोड पर एक कार चालक ने स्कूटी सवार अंजलि थापा को टक्कर मार दी थी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। लेकिन 12 दिन बीतने के बावजूद पुलिस आरोपी वाहन चालक को गिरफ्तार नहीं कर सकी।
मृतका की मां नीलम थापा ने न्याय की गुहार लगाते हुए पत्रकार सुधांशु थपलियाल से मदद मांगी। इस पर सुधांशु ने 29 जनवरी को फेसबुक पर इस मामले को लेकर एक पोस्ट डाली। पोस्ट के वायरल होते ही कोटद्वार पुलिस हरकत में आई, लेकिन आरोपी चालक को पकड़ने के बजाय, उल्टा पत्रकार के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर दिया।
रात 10:30 बजे घर से उठाया, फोन छीना और लॉकअप में रखा
पत्रकार सुधांशु थपलियाल को पुलिस ने रात करीब 10:30 बजे उनके घर से उठाया। इस दौरान 7 पुलिसकर्मी शामिल थे, जिनमें 5 सब-इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी और 2 अन्य पुलिसकर्मी थे। पुलिस ने उनका फोन जब्त कर लिया ताकि वे किसी से संपर्क न कर सकें। इसके बाद उनसे जबरन कागजों पर हस्ताक्षर करवाकर रातभर लॉकअप में रखा गया।
पत्रकार की गिरफ्तारी के बाद बढ़ा विरोध, पुलिस की भूमिका पर सवाल
पत्रकार की गिरफ्तारी के बाद कोटद्वार में विरोध के स्वर उठने लगे। ‘पहाड़ों के राही’ से जुड़े कुलदीप सिंह रावत ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि आरोपी को पकड़ने के बजाय, पुलिस पत्रकार को डराने में जुट गई।
मृतका अंजलि थापा की मां नीलम थापा ने भी पत्रकार के खिलाफ मुकदमे का विरोध करते हुए कहा,
“जब पुलिस अच्छे से काम नहीं करेगी, तो हम लोग किसी पत्रकार के पास ही जाएंगे, ताकि जल्दी से न्याय मिले। मेरी बेटी की मौत के 14-15 दिन बाद भी फरार ड्राइवर को पुलिस नहीं पकड़ पाई थी, लेकिन सुधांशु भाई से मदद मांगते ही अगले ही दिन आरोपी को संभल चौक से गिरफ्तार कर लिया गया। मैं उनके साथ हूं और आगे भी रहूंगी।”
पुलिस की कार्रवाई पर जांच, 24 मार्च को सुनवाई
पुलिस शिकायत प्राधिकरण ने मामले का संज्ञान लेते हुए 24 मार्च को सुनवाई की तारीख तय की है। वहीं, मानवाधिकार आयोग ने भी पीड़ित पत्रकार सुधांशु थपलियाल की शिकायत पर संज्ञान लिया है।
पत्रकार की गिरफ्तारी को लेकर स्थानीय लोगों और पत्रकार संगठनों में भारी आक्रोश है। अब देखना होगा कि पुलिस की इस कार्रवाई पर शासन-प्रशासन क्या कदम उठाता है।