भाजपा सरकार ने पूर्ण बहुमत से उत्तराखंड में अपना परचम लहराया है।धामी भले ही अपनी सीट हार गए लेकिन उन्हें भाजपा ने दूसरी पारी खेलने का एक मौका दिया और उत्तराखंड में धामी को मुख्यमंत्री की शपथ दिलाई।
जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश में भाजपा के ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही अगले दिन आला अफसरों को 100 दिन, 6 महीने, साल भर के कामकाज का एजेंडा सौंपा है। तो वही बात करें उत्तराखंड की सरकार की तो शपथ ग्रहण समारोह के बाद से अभी तक मात्र माल्यार्पण का काम ही जोरो पर चल रहा है। आने वाले कामों के एजेंडे का कहीं कोई जिक्र नहीं है।
जिससे सवाल खड़ा होता है कि योगी की तरह आखिर क्या होगा धामी 2.0 का 100 दिन का एजेंडा ।
भाजपा सरकार ने पूर्ण बहुमत से उत्तराखंड में अपना परचम लहराया है।धामी भले ही अपनी सीट हार गए लेकिन उन्हें भाजपा ने दूसरी पारी खेलने का एक मौका दिया और उत्तराखंड में धामी को मुख्यमंत्री की शपथ दिलाई।
जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश में भाजपा के ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही अगले दिन आला अफसरों को 100 दिन, 6 महीने, साल भर के कामकाज का एजेंडा सौंपा है। तो वही बात करें उत्तराखंड की सरकार की तो शपथ ग्रहण समारोह के बाद से अभी तक मात्र माल्यार्पण का काम ही जोरो पर चल रहा है। आने वाले कामों के एजेंडे का कहीं कोई जिक्र नहीं है।
जिससे सवाल खड़ा होता है कि योगी की तरह आखिर क्या होगा धामी 2.0 का 100 दिन का एजेंडा ।
हालांकि बताया जा रहा है कि पिछली बार की धामी सरकार की चुनावी घोषणाएं इस बार अमल में लाई जाएंगी लेकिन सवाल फिर भी वही है कि 100 दिन में धामी सरकार कुछ बड़ा कार्य कर पाएगी!
बताया जा रहा है कि धामी सरकार अपने 100 दिन के एजेंडे के दौरान बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की ,साथ ही उत्तराखंड में बढ़ती महिलाओं के लिए असुरक्षा के प्रति व साथ ही कर्ज में डूबे उत्तराखंड की आर्थिक व्यवस्था को सुधारने पर फोकस करेगी।
अगर बात करें आने वाले 2023 के वार्ड चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव की तो धामी सरकार पर अपनी साख बचाने की एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि धामी उत्तराखंड में अपनी दूसरी पारी को किस तरीके से खेलते हैं।
हालांकि बताया जा रहा है कि पिछली बार की धामी सरकार की चुनावी घोषणाएं इस बार अमल में लाई जाएंगी लेकिन सवाल फिर भी वही है कि 100 दिन में धामी सरकार कुछ बड़ा कार्य कर पाएगी!
बताया जा रहा है कि धामी सरकार अपने 100 दिन के एजेंडे के दौरान बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की ,साथ ही उत्तराखंड में बढ़ती महिलाओं के लिए असुरक्षा के प्रति व साथ ही कर्ज में डूबे उत्तराखंड की आर्थिक व्यवस्था को सुधारने पर फोकस करेगी।
अगर बात करें आने वाले 2023 के वार्ड चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव की तो धामी सरकार पर अपनी साख बचाने की एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि धामी उत्तराखंड में अपनी दूसरी पारी को किस तरीके से खेलते हैं।