देहरादून। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल (Shri Mahant Indresh aspataal) के स्त्री एवम् प्रसूति रोग विभाग, उत्तराखण्ड सोसाइटी आॅफ आॅब्सिट्रिट्रियंस एण्ड गाइनाकोलाॅजिस्ट व फेडरेशन आॅफ आॅब्सिट्रिट्रिक्स एण्ड गाइनाकोलाॅजिकल साइसाइटीज़ आॅफ इंडिया (फोग्सी) एवम् गाइनिकोलाॅजिकल आॅनकाॅजी कमेटी के द्वारा संयुक्त रूप से ’सर्वाकल कैंसर-मुक्त उत्तराखण्ड’ विषय पर एक दिवसीय निरंतर चिकित्सा शिक्षा (सी.एम.ई.) कार्यक्रम सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में काॅल्पोस्काॅपी कार्यशाला के माध्यम से लाइव काॅलपोस्कोपी कार्यशाला में सवाईकल कैंसर से बचाव व उपचार की जानकारी दी गई। उत्तराखण्ड में यह पहला अवसर है जब जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुम्बई सहित देश के विभिन्न राज्यों के नामचीन मेडिकल काॅलेजों एवम् संस्थानों से लगभग 200 स्त्री एवम् प्रसूति रोग विशेषज्ञों ने एक साथ एक छत के नीचे श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल (Shri Mahant Indresh hospital) में शिरकत की।
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रविवार को श्री मंहत इन्दिरेश अस्पताल (Shri Mahant Indresh aspataal) के सभागार में कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डाॅ एस.शान्थाकुमारी, अध्यक्षा फेडरेशन आॅफ आॅब्सिट्रिट्रिक एण्ड गाइनाकोलाॅजिकल साइसाइटीज़ आॅफ इंडिया(फ़ोग्सि) एवम विशेष अतिथि डाॅ शैलजा भट्ट, स्वास्थ्य महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन कर किया।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ( Shri Mahant Indresh aspataal) के स्त्री एवम प्रसूति रोग विभाग की प्रमुख डॉ. विनीता गुप्ता ने सभी अतिथियों डॉक्टरों व पी .जी. छात्र छात्राओं का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें व उनकी टीम को सी.एम.ई. कार्यक्रम सह कार्यशाला का आयोजन करवाना उनके लिए हर्ष का विषय है. डाॅ मीनू वैश्य, प्रसीडेंट, उत्तराखण्ड सोसाइटी आॅफ ओब्स एण्ड गाइनी ने बच्चेदानी के मुंह के कैंसर (इसे मेडिकल भाषा में सर्वाइकल कैंसर कहते हैं) के लक्षण व वैक्सीन द्वारा बचाव बचाव से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारियों को विस्तार पूर्वक समझाया।
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डाॅ एस. शान्थाकुमारी ने कहा कि फेडरेशन आॅफ आॅब्सिट्रिट्रिक्स एण्ड गाइनाकोलाॅजिकल साइसाइटीज़ आॅफ इंडिया देश भर में व्यापक स्तर पर काम कर रही है। देश भर के स्त्री एवम् प्रसूति रोग विशेषज्ञ सम्बन्धित क्षेत्र में राष्ट्रीय एवम् अन्तराष्ट्रीय स्तर पर जो शोध एवम् अनुसंधान हो रहे हैं उनके आदान प्रदान में फोग्सी महत्वपूर्णं कड़ी के रूप में कार्य कर रहा है। फोग्सी डाॅक्टरों का एक ऐसा संगठन है जो पूरे देश के स्त्री एवम् प्रसूति रोग विशेषज्ञों की व्यक्तिगत एवम् पेशेवर समस्यांे के निदान के लिए हमेशा खड़ा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भ्रूण हत्या जैसे अति संवेदनशील विषय अभी भी समाज से समाप्त नहीं हुआ है। उन्होंने इस विषय स्त्री एवम् प्रसूति रोग विशेषज्ञों की भूमिका को महत्वपूर्णं बताते हुआ कहा कि सभी स्त्री एवम् प्रसूति विशेषज्ञ अपने क्लीनिक में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण व उपचार की जानकारी से सम्बन्धित आधुनिक मेडिकल साहित्य उपलब्ध रखे। उन्होंने अपील की कि सिजेरियन डिलीवरी की तुलना मे नार्मल डिलीवर पर जोर दिया जाना चाहिए।
डाॅ शैलजा भट्ट, स्वास्थ्य महानिदेशक उत्तराखण्ड ने फोग्सी की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश भर में फोग्सी सराहनीय कार्य कर रही है। उन्होंने फोग्सी के प्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे देश भर के स्त्री एवम् प्रसुति रोग विशेषज्ञों क आवाज बनें व उनकी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने में सेतु का कार्य करें।
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डाॅ प्रिया गणेश कुमार, चेयरपर्सन, आॅन्कोलाॅजी कमेटी, फोग्सी ने सर्वाइकल कैंसर से बचाव में टीकारण की महत्त्ता को समझाया। उन्होंने जानकारी दी कि महिलाओं के साथ साथ पुरुषों के लिए भी टीकाकरण लाभदायक है। कार्यक्रम के दौरान डाॅ प्रिया गणेश कुमार द्वारा लाइव काॅलपोस्कोपी कार्यशाला की गई। लाइव काॅलपोस्कोपी कार्यशाला में मरीज़ का आॅपरेशन किया गया, इसके माध्यम से कार्यक्रम में मौजूद डाॅक्टरों व पीजी छात्र-छात्राओं को समझाया गया कि बच्चेदानी के मुंह के संक्रमण को कैंसर बनने से पहले ही दूरबीन द्वारा जाॅच करके कैसे पता लगाया जाता है व कैसे उसका उपचार किया जाता है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल (Shri Mahant Indresh hospital) के स्त्री एवम् प्रसूति रोग विभाग की प्रमुख डाॅ विनीता गुप्ता की अगुवाई में पैनल डिस्कशन हुआ, मेडिकल छात्र-छात्राओं व शोधार्थियों ने सर्वाइकल कैंसर से जुड़े बिभिन्न बिंदुओं पर विशेषज्ञों से सवाल किए, विशेषज्ञों ने उनका ज्ञानवर्धन किया व उनकी जिज्ञासाआंे को शांत किया। डाॅ सुमीता ता प्रभाकर, डाॅ बानीश्री, डाॅ राहुल मोदी, डाॅ रीना आहुजा, डाॅ अमृता, डाॅ यामिनी कंसल, डाॅ नम्रता सक्सैना ने भी पैनल डिस्कशन में भाग लिया। कार्यक्रम में डाॅ ज्योति शर्मा, डाॅ अर्चना सिंह, सचिव, उत्तराखण्ड सोसाइटी आॅफ आॅब्सिट्रिट्रियंस एण्ड गाइनाकोलाॅजिस्ट, डाॅ अर्चना टण्डन ने सर्वाइकल कैंसर से जुड़े विभिन्न शोध एवम् अनुसंधान कार्याें पर प्रकाश डाला।