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देहरादून। उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया के बीच एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय सामने आया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को होने वाली सिंबल आवंटन प्रक्रिया को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है। यह निर्णय उत्तराखंड हाई कोर्ट के एक हालिया आदेश के चलते लिया गया है।
दरअसल, हाई कोर्ट ने उन प्रत्याशियों के नामांकन और चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है, जिनके नाम शहरी निकाय और पंचायत दोनों की मतदाता सूची में दर्ज हैं। इस आदेश के चलते राज्य निर्वाचन आयोग को अंतिम समय में अपनी प्रक्रिया पर पुनर्विचार करना पड़ा है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने मीडिया से बातचीत में इस फैसले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आयोग ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यह निर्णय लिया है, और अब आगे की कार्रवाई हाई कोर्ट के अगले आदेश के बाद तय की जाएगी।
सोमवार को राज्य के 12 जिलों में प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न (सिंबल) आवंटित किया जाना था, लेकिन कोर्ट के निर्देश के बाद आयोग किसी विवाद से बचने के लिए फिलहाल प्रतीक्षा की स्थिति में है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर इस मुद्दे पर अपना पक्ष स्पष्ट किया है। अदालत में इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को ही होनी है, जिसके बाद आयोग आगे की रणनीति तय करेगा।
मुख्य बातें संक्षेप में:
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हाई कोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने सिंबल आवंटन की प्रक्रिया पर लगाई अस्थायी रोक
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सोमवार को 12 जिलों में होने थे चुनाव चिह्न वितरण
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निकाय और पंचायत दोनों क्षेत्रों में नाम दर्ज होने पर उम्मीदवारों पर लगी रोक
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राज्य निर्वाचन आयोग ने कोर्ट में दिया है लिखित जवाब
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