देहरादून: कांग्रेस में एक बार फिर से खींचतान शुरू हो गई। कांग्रेस में विवाद के बीच हरीश रावत बोले ‘मैं तो जेठानी, चलो देवरानियां जागी तो सहीं’। बीते रोज पूर्व काबीना मंत्री हरक सिंह ने प्रदेश में विपक्ष के कमजोर होने और हरीश रावत को टोटकों की राजनीतिक न करने की सलाह दी थी। आज पूर्व सीएम हरीश रावत ने हरक पर करारा पलटवार कर दिया।
रावत ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस संगठन बेहद मजबूत है। विपक्ष कमजोर है निराश जैसी बाते तो भाजपा को करनी चाहिए, न कि कांग्रेस के नेताओं को। रही बात टोटकों की तो राजनीति में चलते ही टोटके हैं। यदि किसी के पास नहीं है तो वो मुझसे आकर ले जाए। रावत ने कहा कि अग्निवीर योजना के खिलाफ मैंने एक राजनीतिक टोटका किया था।
14 गैरसैंण, फिर 15 को अल्मोड़ा में जाकर भी जनता से जुड़े मुद्दों पर आवाज उठाऊंगा। यह भी टोटका ही है। ये टोटके राजनीति का ही हिस्सा होते हैं। कांग्रेस के भीतर अपने विरोध पर रावत बोले, यह मेरे टोटको का ही कमाल है कि जो लोग थोड़ा झपकी लेने लगे थे, अब वो भी जाग गए हैं। पार्टी में मेरी भूमिका जेठानी की है जो साथी देवरानियों को जगाती रहती है। चलिए देवरानियां जागी तो सही।
-कांग्रेस में अंदरूनी वार पलटवार जारी हैँ हरक के बाद हरीश रावत और अब प्रीतम सिंह का बयान सामने आया हैँ उनके अनुसार हम अगर हरिद्वार जा रहें हैँ तो हरीश रावत के खिलाफ हमारी राजनीति नहीं हैँ उनके अनुसार राजनीति में कही बुलाया जाता हैँ तो हम जाते हैँ वही हरीश रावत की देवरानी जेठानी वाली बात पर प्रीतम बोले मुझे अच्छा लगता हैँ जब बड़े नेता हमें याद करते हैँ वही प्रीतम बोले कालिदास दो कारणों से याद किए जाते हैँ एक जिस डाल में बैठे उसी को काटने के दूसरा विद्वान थे मैं कालिदास नहीं जिस डाल में बैठु उसी को काट डालू