देहरादून। उत्तराखंड की सियासत एक बार फिर बयानबाज़ी के दौर से गुजर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की हाल ही में खेतों में धान की रोपाई करते हुए वायरल हुई तस्वीरों पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तंज कसा था। अब मुख्यमंत्री धामी ने भी इस पर करारा जवाब दिया है।
5 जून को खटीमा में मुख्यमंत्री धामी अपने पुश्तैनी खेत में बैलों की मदद से जुताई और धान की रोपाई करते नजर आए थे। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें खूब वायरल हुईं। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए हरीश रावत ने कहा था, “धामी जी को देखकर अच्छा लगा, कम से कम इस दिशा में उन्होंने राहुल गांधी का अनुसरण तो किया।”
अब इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा,
“हरीश रावत बहुत वरिष्ठ नेता हैं और मैं उनका सम्मान करता हूं। लेकिन यदि वे अपने हृदय पर हाथ रखकर खुद से पूछें, तो क्या राहुल गांधी कोई ऐसा कार्य करते हैं, जिसका अनुसरण किया जाना चाहिए? यदि ईमानदारी से पूछा जाए तो वे खुद भी इससे इनकार करेंगे, भले ही वो इसे सार्वजनिक रूप से न मानें।”
मुख्यमंत्री ने आगे स्पष्ट किया कि उनका यह कोई पूर्व नियोजित कार्यक्रम नहीं था। वह बचपन से ही अपने खेतों में काम करते रहे हैं। शनिवार को वे अपने खेत में ‘पटेला’ चला रहे थे। उन्होंने कहा,
“कोई भी व्यक्ति एक दिन में बैलों को पकड़कर खेत में हल नहीं चला सकता। ये हमारा पुश्तैनी खेत है, जहां मेरे माता-पिता और दादा वर्षों से खेती करते आ रहे हैं। हम उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि उनका मकसद एक संदेश देना था—कि किसान हमारे अन्नदाता हैं और हमें अपनी लोक संस्कृति से जुड़े रहना चाहिए। उन्होंने कहा,
“मैं किसी शो या कार्यक्रम के लिए नहीं गया था, यह मेरा अपना खेत है। मैंने वहाँ रोपाई की है, उसमें धान उगेंगे और जब चावल बनेगा, तो उस मीठे भात को खाने के लिए मैं सबको आमंत्रित करूंगा।”
अंत में सीएम धामी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह की बयानबाज़ी केवल “फेस सेविंग” के लिए की जा रही है।
“वो ज़मीन, जिस पर मैं काम कर रहा था, वहाँ मैंने खुद वर्षों पसीना बहाया है। मैं राजनीति में दिखावे से नहीं, ज़मीन से जुड़ाव से विश्वास करता हूं।”
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