देहरादून के चंद्रबनी क्षेत्र में सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य श्यामलाल गुरुजी की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने इस हत्याकांड के फरार आरोपियों—गीता और उसके पति हिमांशु चौधरी—पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।
गुमशुदगी से हत्या तक—ऐसे सामने आया सच
2 फरवरी को चंद्रबनी निवासी निधि राठौर ने अपने पिता श्यामलाल गुरुजी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच में पता चला कि वे किशननगर चौक की ओर गए थे और गीता नाम की महिला से लगातार संपर्क में थे। लोकेशन ट्रैक करने पर पुलिस को गीता, उसके पति हिमांशु और श्यामलाल गुरुजी की आखिरी मौजूदगी किशननगर एक्सटेंशन, सिरमौर मार्ग पर मिली, जहां गीता का मकान है।
जब पुलिस वहां पहुंची, तो गीता और हिमांशु फरार थे। पुलिस ने गीता के मायके देवबंद में संपर्क किया, जहां उसके भाई अजय कुमार ने चौंकाने वाला खुलासा किया। अजय के अनुसार, गीता ने उसे एक हत्या की जानकारी दी थी और शव ठिकाने लगाने में मदद मांगी थी। इसके बाद अजय ने अपने जीजा धनराज चावला को बुलाया, जो 4 फरवरी को देहरादून पहुंचा।
शव के टुकड़े कर नहर में बहाया गया
अजय और धनराज ने मिलकर गीता के मकान से श्यामलाल गुरुजी के शव को कार की डिक्की में रखा और देवबंद के पास एक नहर में फेंक दिया। पुलिस शव की तलाश में जुटी थी, तभी सहारनपुर पुलिस को दो टुकड़ों में कटा एक शव मिला, जिसे गुरुजी की बहन ने उनके हाथ में बंधी राखी से पहचाना।
पुलिस की दबिश जारी, फरार आरोपियों पर इनाम
पुलिस कई राज्यों में छापेमारी कर चुकी है, लेकिन गीता और हिमांशु का अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। अपराधियों को जल्द पकड़ने के लिए पुलिस ने दोनों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।
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