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बनाल क्षेत्र के बिगराड़ी थाती चौक में आयोजित ऐतिहासिक महापंचायत ने ईडक-पौंटी वार्ड की राजनीति की दिशा ही बदल दी है। इस विशाल जनसभा में क्षेत्र के सम्मानित बुजुर्ग, ऊर्जावान युवा और जागरूक महिलाएं भारी संख्या में शामिल हुए। मंच से लायवर सिंह कलूडा ने सर्वसम्मति से सुखदेव रावत को समर्थन देने की घोषणा कर दी, जिससे माहौल गूंज उठा – “अबकी बार, सुखदेव रावत हमारे सरदार!”
क्यों बनते जा रहे हैं सुखदेव रावत लोगों की पहली पसंद?
सुखदेव रावत सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि क्षेत्र की जनता की भावनाओं और अपेक्षाओं का प्रतीक बनते जा रहे हैं।
उनकी लोकप्रियता के पीछे कुछ खास कारण हैं:
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स्थानीय मुद्दों पर स्पष्ट सोच: सुखदेव रावत ने हमेशा बुनियादी समस्याओं को लेकर ठोस और व्यावहारिक विचार रखे हैं।
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युवाओं जैसी ऊर्जा: वे युवाओं की तरह पूरे क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं, हर सभा, हर मंच और हर व्यक्ति की बात को सुनते और समझते हैं।
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जनसेवा का संकल्प: उन्होंने बिना किसी पद या लाभ के वर्षों से लोगों की सेवा की है – चाहे किसी के घर में शादी हो, किसी को अस्पताल ले जाना हो, या सरकारी योजनाओं की जानकारी देना हो – सुखदेव रावत हर जगह सबसे पहले पहुंचते हैं।
बुजुर्गों से लेकर युवा और महिलाएं – सबकी एक आवाज़: ‘सुखदेव रावत चाहिए!’
महापंचायत में बोलते हुए कई ग्रामीणों ने कहा कि अब उन्हें ऐसा प्रतिनिधि चाहिए जो सिर्फ चुनावों के समय नहीं, बल्कि पूरे पाँच साल उनके साथ खड़ा रहे।
एक वरिष्ठ ग्रामीण ने कहा –
“हमने कई बार उम्मीद की, लेकिन अब हमें विश्वास है कि सुखदेव ही वो चेहरा हैं जो गांव की हालत बदल सकते हैं।”
समाजसेवा ही पहचान, सेवा ही आधार
सुखदेव रावत कोई अचानक उभरे नेता नहीं हैं। वे वर्षों से समाज के लिए कार्य कर रहे हैं – चुपचाप, बिना प्रचार, बिना स्वार्थ। जरूरतमंद की मदद के लिए प्रयास करना, और सड़कों की मरम्मत के लिए अधिकारियों से मिलना – ये सब उनकी दिनचर्या का हिस्सा है।
लोगों का कहना है कि
“सुखदेव रावत हर दिल अज़ीज़ हैं, और उनके जैसा निस्वार्थ सेवक मिलना कठिन है।”
अब सवाल नहीं, सीधा भरोसा – सुखदेव रावत ही क्षेत्र की उम्मीद हैं!
पंचायत चुनाव 2025 में ईडक–पौंटी वार्ड से सुखदेव रावत एक ऐसे उम्मीदवार के रूप में सामने आ रहे हैं जो जमीनी हकीकत को जानते हैं, समस्याओं को समझते हैं और समाधान में विश्वास रखते हैं।
बनाल क्षेत्र में हवा का रुख बदल चुका है, और अब एक नई सुबह की उम्मीद जग चुकी है।












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